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रोजी रोटी के लिए हरेक दिन सैकड़ों का पलायन, कैसे बढ़ेगा मतदान का प्रतिशत

अररिया। एक ओर जहां मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अररिया जिला प्रशासन की ओर से लगातार जिले में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है तो दूसरी ओर ग्रामीण इलाके से बड़ी संख्या में मजदूर अपने और अपने परिवार के भरण पोषण के लिए रोजगार हेतु महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इस हाल में मतदान प्रतिशत बढ़ने पर सावलिया निशान लग रहे हैं।

कटिहार जोगबनी रेलखंड से खुलने वाली जोगबनी आनंद विहार सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन हो या कोलकाता जाने वाली चितपुर एक्सप्रेस या दानापुर और सिलीगुड़ी जाने वाली ट्रेन सैकड़ों की संख्या में जिले के विभिन्न स्टेशनों से गरीब तबका के मजदूर रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, कश्मीर के लिए मजदूर पलायन कर रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्र के रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पर दिल्ली जाने वाली बसों में मजदूर वर्ग के लोगों के पलायन को देखा जा सकता है।ट्रेनों में भारी भीड़ के बीच भेद बकरी की तरह ठूस ठुसकर लोग यात्रा करने को मजबूर है।

फारबिसगंज जंक्शन पर आनंद विहार जाने वाली सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन पर पकड़ने आए तिरसकुंड पंचायत के सुमित कुमार,नरेंद्र मंडल,रोहित विश्वास,सुरेंद्र सोरेन,दीपक मुर्मू सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि वेलोग कांटेक्ट आधार पर मकान निर्माण का मजदूरी का काम करते हैं।विभिन्न मकान निर्माण कंपनी के साथ उनके मेठ का संपर्क होता है और जब मकान निर्माण का काम शुरू होता है।निर्माण एजेंसी के द्वारा मेठ से संपर्क किया जाता है और उसके बाद येलोग गांव से निर्माण स्थल पर जाकर मजदूरी का काम करते हैं।

इनलोगों ने बताया कि हरियाणा के रोहतक में मकान निर्माण का काम है।जिसके लिए वेलोग पहले दिल्ली और फिर वहां से हरियाणा के रोहतक जायेंगे और वहां करीबन छहीने का काम है।इनलोगों ने बताया कि कंपनी के द्वारा रहने और खाने का इंतजाम किया गया है। तिरसकुंड पंचायत के विभिन्न गांव के अतिरिक्त परवाहा,हरिपुर,रानीगंज के हसनपुर, हांसा कमलपुर के साथी भी साथ जा रहे हैं। जब इनलागो से पूछा गया कि चुनाव का समय है और आपलोग जा रहे हैं तो बताया कि घर में और लोग हैं जो वोट डालेंगे।लेकिन परिवार का भरण पोषण भी तो जरूरी है और इसलिए वेलोग जा रहे हैं।

मजदूरों ने कहा कि अपने इलाके में कल कारखाने का अभाव है अन्यथा कोई थोड़े न चाहता है कि घर परिवार से दूर रहकर काम करे। यहां रोजगार नहीं मिलता है और थोड़ा बहुत काम मिलता है तो शारीरिक मेहनत के अनुसार मजदूरी कम मिलती है। मजबूरी में गर्मी में काम के लिए जाने की बात मजदूरों ने कही। अररिया में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान है।मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्वीप कोषांग सहित अन्य संगठनों की ओर से लगातार मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।लेकिन जिस तरह से चुनाव के ऐन वक्त पर मजदूरों का पलायन सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन हो रहा है।सवाल है ऐसे में मतदान का प्रतिशत कैसे बढ़ेगा।

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