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Bhopal में बढ़ने लगे डॉग बाइट के मामले, बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके

भोपाल । भोपाल में डॉग बाइट की घटनाओं में वृद्धि पर नगर निगम एवं पशुपालन विभाग द्वारा आम जनता के लिए एक एडवायजरी जारी की गई है। किसी भी क्षेत्र मे डॉग बाइट अथवा श्वानो के आतंक की सूचना नगर निगम के कॉल सेंटर 155304 में दर्ज करें। डॉग स्क्वायड द्वारा तत्पर कार्रवाई कर शिकायत का निराकरण किया जा रहा है।

भोपाल नगर निगम द्वारा मुहिम चलाकर ऐसे उग्र व्यवहार वाले श्वानो को उठाकर आइसोलेशन और ऑबर्जरवेशन में रखने का कार्य जारी है तथा श्वान नसबंदी कार्यकम मे भी तीव्रता लाई गई है। इन सभी डॉग्स को एन्टीरेबीज वैक्सिन भी लगाया जा रहा है। भोपाल शहर के सभी पशु चिकित्सा संस्थानो में निःशुल्क एन्टीरेबीज टीका उपलब्ध है, जो आम जन अपने श्वानो को लगवा सकते हैं।

खाने की कमी की वजह से डॉग बाइट की घटनायें ज्‍यादा

उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. अजय रामटेके ने बताया कि, मौसम के तापमान मे गिरावट होने, ब्रीडिंग सीजन होने एवं आवारा श्वानों को खाने की कमी की वजह से डॉग बाइट की घटनायें परिलक्षित हो रही है, इसलिए आमजन को चाहिये कि बच्चों को समझाईश दें कि आवारा श्वानो से समुचित दूरी बनाकर चलें। ऐसी मादा श्वान जिसके पास उनके बच्चें हों उनसे भी दूरी बनाकर रखें अन्यथा असुरक्षित महसूस करने व अपने बच्चों को बचाने के लिए वह काट भी सकती है। कुत्तों से अनावश्यक छेड़ छाड़ न करे, उनके ऊपर पत्थर न मारें अथवा उन्हें परेशान न करें। तीव्र ध्वनि के पटाखो का इस्तेमाल न करें अन्यथा उनमे उग्र व्यवहार प्रदर्शित होता है। ऐसे श्वानों का झुंड जिसमे कोई मादा गर्मी मे है तो उनसे भी समुचित दूरी बनाकर चलें।

पेट एडॉप्शन मुहिम चलायें

डॉ. रामटेके ने बताया कि, यदि आवारा श्वान आपके शेड अथवा कार के नीचे बैठा हुआ है तो वह अपने आपको ठंड से बचाने के लिये बैठा है, उसे अनावश्यक भगायें नहीं। पशु प्रेमियों से अपील की गई है कि, वह पेट एडॉप्शन मुहिम चलायें ताकि वह पेट्स का सही ख्याल रख पायें, समय पर टीकाकरण व नसबंदी करायें जिससे उन्हे समुचित रूप से खाने को मिल पाए। आवारा श्वानों को यहां वहां खाने के लिये न देकर कालोनी के सबसे कम भीड़ भाड़ वाला एक स्थल निश्चित करके वहीं पर फीडिंग करायें ताकि आने जाने वालो को परेशानी न हो, जिससे डॉग बाइट की दुर्घटना को रोका जा सकता है।

एडवाइजरी दी गई है कि डॉग बाइट होने पर घाव को तत्काल चलते हुए नल के पानी से धोकर उसे कार्बोलिक साबुन से अच्छे से धों ले, उसके बाद कोई एंटीसेप्टिक मल्हम लगायें तथा यथाशीघ्र नजदीकी शासकीय चिकित्सालय (स्वास्थ्य केन्द्र) में पहुंचकर एन्टीरेबीज टीका चिकित्सक की सलाह से लगवायें। जे. पी. अस्पताल सहित और हमीदिया अस्पताल सहित सभी शासकीय अस्पताल में एन्टीरेबीज टीका उपलब्ध है।

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