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राजस्‍थान में नवाचार, एसटीपी और सीईटीपी से दिया जाएगा शहर के पार्कों में पानी

जयपुर। जलस्तर को लेकर जयपुर शहर डार्क जोन की श्रेणी में आता है। ऐसे में भू जलस्तर को गिरने से बचाने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण कई नवाचार कर रहा है। शहर के सभी बड़े और छोटे पार्कों को हरा-भरा बनाए रखने के लिए जेडीए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और कामन एन्फ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) से पानी दिया जाएगा। हालांकि शहर के कुछ पार्कों में वर्तमान में एसटीपी और सीईटीपी के साफ पानी का उपयोग किया जा रहा है।

सहकार मार्ग स्थित एक एमएलडी पानी के सीईटीपी से विधानसभा, सेंट्रल पार्क, सहकार के मार्ग के छोटे उद्यान में पानी दिया जा रहा है। खास बात यह है कि शहर के पार्कों और एसएमएस स्टेडियम को हरा-भरा रखने के लिए बड़ी मात्रा में भू-जल का उपयोग किया जाता है। भू-जल दोहन में कमी से शहर के जलस्तर में सुधार आएगा।

अब जेडीए जवाहर सर्किल, स्वर्ण जयंती गार्डन, सिल्वन पार्क, रामनिवास बाग सहित अन्य छोटे बड़े सभी पार्कों में एसटीपी और सीईटीपी पानी देने की योजना बना रहा है। जेडीए अधिकारी चाहते हैं कि शहर में चल रहे एसटीपी और सीईटीपी का पानी फिलहाल नदी या नाले में छोडऩे की बजाय पार्कों में देने में किया जाए तो ज्यादा अच्छा होगा। शहर में जेडीए के अधीन आठ एसटीपी और एक सीईटीपी है। शहर में द्रव्यवती नदी सहित अलग-अलग स्थानों पर एसटीपी और सहकार मार्ग इमली फाटक के पास सीईटीपी बना हुआ है। इनके माध्यम से प्रदूषित पानी को साफ कर सीधे नदी और नालों में छोड़ा जाता है। इन सभी एसटीपी और सीईपीटी की देखभाल सहित अन्य खर्चों के रूप में जेडीए हर साल लाखों रुपये खर्च करता है।

जेडीए वन संरक्षक सुदीप कौर ने बताया कि एसटीपी और सीईटीपी से निकलने वाले साफ पानी का उपयोग पार्कों में देने की मांग को लेकर सम्बंधित विभाग को पत्र लिखा है। यहां से पानी मिलने पर भू-जल का दोहन कम होगा।
इस संबंध में निदेशक (इंजिनियरिंग प्रथम) जेडीए, देवेंद्र गुप्ता का कहना है कि इमली फाटक स्थित सीईटीपी से निकलने वाले साफ पानी का उपयोग वर्तमान में चार जगहों पर किया जा रहा है, इसमें विधानसभा, सेंट्रल पार्क सहित कुछ अन्य जगह शामिल है। हालांकि अगर सभी एसटीपी और सीईटीपी के साफ पानी का उपयोग पार्क या हरियाली के लिए किया जाए तो अच्छा है। पानी स्टोरेज के लिए आगामी दिनों में टैंकर बनाने के साथ जल सप्लाई के लिए लाइन भी डालने की योजना है।

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