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पीएम मोदी आज छत्‍तीसगढ़ को देंगे 34,427 करोड़ की 10 परियोजनाओं की सौगात

रायपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (शनिवार) छत्तीसगढ़ में विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए 34,427 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। आज से “विकसित भारत विकसित छत्तीसगढ़ संकल्प यात्रा” की शुरुआत भी होगी।

34,427 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

रायपुर के “बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर” पर दोपहर 12 कार्यक्रम का आयोजन होगा। यहां प्रधानमंत्री 34,427 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से वर्चुअली संवाद भी करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि और पर्यटन व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कार्यक्रम के अध्यक्ष होंगे।

रायपुर जिले के कई स्थानों पर “विकसित भारत विकसित छत्तीसगढ़ संकल्प यात्रा” के कार्यक्रम होंगे। छत्तीसगढ़ में कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा , सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, ऊर्जा और रेल मंत्रालयों की परियोजनाओं की शुरुआत होगी। रायगढ़, राजनांदगांव, अंबिकापुर, दुर्ग (भिलाई) और बिलासपुर जिले में परियोजनाएं प्रारंभ होगी।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की दो परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे

अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की दो परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उनमें 303 करोड़ रुपये की लागत से बना बिलासपुर-उसलापुर फ्लाई ओवर और भिलाई में 50 मेगावाट का रेलवे सोलर प्लांट शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान बिलासपुर के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करेंगे।

10.5 किलोमीटर लंबा रेलवे फ्लाईओवर की सौगात देंगे

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने लगभग 10.5 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर तैयार किया है, जिसमें ऊपर-नीचे दोनों जगह रेल चलेंगी। फ्लाई ओवर में रेल चलने की वजह से आम यात्रियों का बिलासपुर स्टेशन से कटनी की तरफ जाना सुगम हो जाएगा। समय की भी बचत होगी। बिलासपुर स्टेशन में आने और जाने वाली ट्रेनों को बिना रोके ही क्रॉस कराया जाएगा। भिलाई में 50 मेगावाट की क्षमता वाला रेलवे सोलर पावर प्लांट राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। सोलर प्लांट को बनाने में 280 करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे कार्बन उत्सर्जन में प्रति वर्ष 86000 टन की कमी आएगी। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से निपटने में यह सोलर पावर प्लांट अहम भूमिका निभाएगा।

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