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क्या हैं 69000 शिक्षक भर्तीं का पेंच, जो अभ्यर्थी 606 दिन से लखनऊ में धरना देने को हुए मजबूर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास के बाहर अभ्यर्थी धरने पर बैठ गए। पिछले 606 दिन से अभ्यर्थी इको गार्डन में धरना दे रहे हैं। वे गौतम पल्ली के 2 मॉल एवेन्यू के बाहर धरने पर बैठे हैं।

6800 सीटों पर नियुक्ति की मांग

बता दें कि धरने पर बैठे अभ्यर्थी 6800 सीटों पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। उन्होंने ‘योगी की सरकार में पिछड़े दलित कतार में’, ‘संदीप भैया बाहर आओ, पिछड़ों की हालात देखकर जाओ’, ‘रामराज का सजा दरबार, अब तो नियुक्ति दे सरकार’ और ‘पिछड़े दलितों की यही पुकार, जल्द नियुक्ति दे सरकार’ जैसे नारे भी लगाए।

विधानसभा और विधान परिषद में गूंजा मामला

इससे पहले, 69000 हजार शिक्षक भर्ती का मामला विधानसभा और विधान परिषद में भी गूंजा। सपा विधायकों ने इस मुद्दे पर योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने राज्य सरकार पर आरक्षण घोटाले का भी आरोप लगाया।

अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी 69000 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आप लड़कियों को पीटेंगे और उन्हें अपमानित करेंगे। क्या यही आपका नारी वंदन है। आपको उन छात्राओं और बहनों से बात करनी चाहिए कि आखिर उनकी क्या नाराजगी है। अगर यह ज्यूडिशियल मामला है तो सरकार बताए कि उन्होंने कोर्ट में क्या हलफनामा दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जारी किया अवमानना नोटिस

गौरतलब कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में नियुक्ति पाने से वंचित रह गए अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक प्रश्न को गलत पाए जाने पर 9 नवंबर 2022 को एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट लिस्ट को दोबारा जारी करके राज्य सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक उनकी नियुक्ति नहीं हो पाई। मामले में 7 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और सचिव को अवमानना नोटिस भी जारी किया था।

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