नई दिल्ली । कोर्ट कमिश्नर नियुक्त (appointed court commissioner)किए गए वरिष्ठ वकील कौशिक भट्ट ने कहा, सुनवाई के दौरान सिविल जज एआर पटेल की अदालत (Judge AR Patel’s court)ने यह जानने के लिए परीक्षण की अनुमति (grant of probate)दी थी कि इसका उपयोग सुरक्षित है या नहीं।
गुजरात के वडोदरा में सिविल कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद रणछोड़जी मंदिर में 28 साल बाद 150 वर्ष पुरानी एक पीतल की तोप का सफल परीक्षण किया गया। दरअसल, मंदिर के पुजारियों ने अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की है, जिसमें एक परंपरा का हवाला देते हुए वार्षिक दिवाली समारोह में भगवान रणछोड़ को तोप से सलामी देने की अनुमति मांगी गई थी।
बता दें कि इस तोप की विरासत बड़ौदा के गायकवाड़ राजवंश से जुड़ी है। यह परंपरा 1996 के बाद दुर्घटना के कारण बंद हो गई थी। मामले में कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए गए वरिष्ठ वकील कौशिक भट्ट ने कहा, सुनवाई के दौरान सिविल जज एआर पटेल की अदालत ने यह जानने के लिए परीक्षण की अनुमति दी थी कि इसका उपयोग सुरक्षित है या नहीं। उन्होंने कहा, अब परीक्षण रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर यह आदेश दिया जाएगा कि क्या तोप का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं।