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रिजर्व बैंक ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट 6.50 फीसदी रखा

मुंबई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यहां तीन अप्रैल से चल रही एमपीसी की समीक्षा बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी दी। शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक समित ने 5-1 की बहुमत से रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया है। दास ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महंगाई दर और आर्थिक गतिविधियों में स्थिरता को देखते हुए यह फैसला किया गया है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने लगातार सातवीं बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। रेपो रेट में बदलाव न होने से होम लोन नहीं होगा महंगा और आपकी ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी।

शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर सात फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है। साथ ही खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 4.5 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया है।

रिजर्व बैंक की एमपीसी में छह सदस्य हैं, जिसमें बाहरी और आरबीआई के अधिकारी दोनों शामिल हैं। आबीआई के गवर्नर दास के साथ रिजर्व के अधिकारी राजीव रंजन, कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जबकि माइकल देबब्रत पात्रा, डिप्टी गवर्नर हैं। वहीं, शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं।

रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था। उससे पहले मई, 2022 से लगातार छह बार में नीतिगत दर रेपो रेट में 2.50 फीसदी की वृद्धि की गई थी। आरबीआई की तीन दिवसीय एमपीसी बैठक तीन अप्रैल को शुरू हुई थी। यह चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक है, जो हर दो महीने में होती है।

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