Sunday, October 13, 2024
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‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया गया गणतंत्र दिवस, भव्य परेड के साथ निकाली गई झांकियां

नई दिल्ली । इस बार का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस (national festival republic day) पूरे देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (Azadi ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाया गया। राजपथ (Rajpath) पर निकली भव्य परेड में भारत (India) ने अपनी सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता (Military power and cultural diversity) का प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की मौजूदगी में भारत की तीनों सेनाओं, सुरक्षाबलों की टुकड़ियों और आधुनिक हथियारों के प्रदर्शन ने देश का गौरव बढ़ाया। राज्यों की झांकियों में भारत की गौरवपूर्ण विविधता नजर आई। परेड का अंतिम आकर्षण वायुसेना के 75 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों का फ्लाई पास्ट रहा, जिन्होंने राजधानी के आसमान को गुंजा दिया। राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड का समापन राष्ट्रगान और तिरंगे गुब्बारों को उड़ाने के साथ हुआ। परेड के बाद पीएम मोदी ने परेड में मौजूद लोगों का अभिवादन किया।

गणतंत्र दिवस परेड समारोह की शुरुआत होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर पूरे देश की ओर से अलग-अलग युद्धों और ऑपरेशन में जान गंवाने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और इसके बाद परेड देखने के लिए राजपथ के सलामी मंच पर पहुंचे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पहुंचने के बाद परंपरा के अनुसार राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। मुख्य परेड की शुरुआत राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के ‘शहीदों को शत शत नमन’ कार्यक्रम से हुई। रक्षा और संस्कृति मंत्रालयों की ओर से आयोजित राष्ट्रव्यापी वंदे ‘भारतम नृत्य प्रतियोगिता’ के माध्यम से चुने गए 480 कलाकारों ने राजपथ पर परेड के दौरान अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

भारतीय सेना की टुकड़ी

परेड की शुरुआत में सबसे आगे मेजर मृत्युंजय सिंह चौहान के नेतृत्व में पहली टुकड़ी 61 कैवेलरी (घुड़सवार) की निकली जो दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के माउंटेड कॉलम, 14 मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स (एएलएच) ने किया। भारत के शक्तिशाली टैंकों की झांकी में सेना के सेंचुरियन टैंक, पीटी-76, एमबीटी अर्जुन एमके-आई टैंक ने शौर्य दिखाया। इसके अलावा दो धनुष गन सिस्टम, एक पीएमएस ब्रिज और दो सर्वत्र ब्रिज सिस्टम, एक एचटी-16 (ऑन व्हीकल) और दो तरंग शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, एक टाइगर कैट मिसाइल और दो आकाश मिसाइल सिस्टम मैकेनाइज्ड कॉलम में मुख्य आकर्षण रहे।

सेना के छह मार्चिंग दस्तों में राजपूत रेजिमेंट, असम रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंट, आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स और पैराशूट रेजिमेंट शामिल हुई। इसके अलावा मद्रास रेजिमेंटल सेंटर का संयुक्त बैंड, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर, मराठा लाइट रेजिमेंटल सेंटर, जम्मू और कश्मीर लाइट रेजिमेंटल सेंटर, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और स्कूल, 14 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, आर्मी सप्लाई कॉर्प्स सेंटर और कॉलेज, बिहार रेजिमेंटल सेंटर और आयुध वाहिनी केंद्र ने भी सलामी मंच के आगे मार्च पास्ट किया। राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में सिख लाइट इन्फैंट्री दस्ते ने भी भाग लिया जिसके कर्नल मौजूदा सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे हैं।

भारतीय नौसेना

नौसेना ने अपनी झांकी में देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत (आईएसी) ‘विक्रांत’ को राजपथ पर दिखाया। इसके अलावा झांकी में नौसेना की ताकत बढ़ाने वाले स्वदेशी युद्धपोतों और भारतीय नौसेना प्लेटफार्मों के निर्माण को दर्शाया गया। झांकी ने राष्ट्र की सेवा में युद्ध की तैयारी को बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण को उजागर करने का प्रयास किया। नौसेना के मार्चिंग दस्ते में 96 पुरुष, तीन प्लाटून कमांडर और एक आकस्मिक कमांडर शामिल हुए जिनका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने किया। नौसेना की झांकी के अगले हिस्से में 1946 के नौसेना विद्रोह को दर्शाया गया, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। पिछले भाग में 1983 से 2021 तक भारतीय नौसेना की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को दर्शाया गया। भारतीय नौसेना की झांकी में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का भी जिक्र किया गया।

भारतीय वायु सेना

राजपथ पर ‘नारी शक्ति’ की भी झलक दिखी क्योंकि राफेल की एकमात्र महिला फाइटर शिवांगी सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी। भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में 96 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए जिनका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रशांत स्वामीनाथन ने किया। ‘भारतीय वायु सेना, भविष्य के लिए परिवर्तन’ झांकी में एंटी टैंक ध्रुवस्त्र मिसाइल, मिग-21, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और अश्लेषा एमके 1 राडार से लैस स्वदेशी एलसीएच हेलीकॉप्टर को दर्शाया गया। पहली बार वायुसेना की सबसे बड़ी टुकड़ी ने 75 विमानों के साथ फ्लाई पास्ट में हिस्सा किया।

परेड में पांच राफेल लड़ाकू विमानों ने ‘विनाश’ फॉर्मेशन में राजपथ के ऊपर से उड़ान भरी। भारतीय नौसेना के मिग-29के और पी-8आई टोही विमानों ने ‘वरुण’ फॉर्मेशन में गर्जना की। आजादी के 75 साल होने के मौके पर इस बार गणतंत्र दिवस पर 17 जगुआर विमानों ने ’75’ की आकृति बनाकर आसमान में तिरंगा फहराया। इसके अलावा एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) के साथ चार एमआई-17 वी 5 विमान ‘रुद्र’ फॉर्मेशन में बड़े फ्लाईपास्ट का हिस्सा बने। राफेल, सुखोई, जगुआर, एमआई-17, सारंग, अपाचे और डकोटा जैसे पुराने और वर्तमान आधुनिक विमानों व हेलीकॉप्टरों ने राहत, मेघना, एकलव्य, त्रिशूल, तिरंगा, विजय और अमृत फॉर्मेशन में उड़ान भरी।

राज्यों की झांकियों में दिखी भारत की गौरवपूर्ण विविधता

गणतंत्र दिवस परेड में 12 राज्यों की झांकियां शामिल हुईं जिसमें अरुणाचल प्रदेश की झांकी में एंग्लो-अबोर (आदि) युद्ध, हरियाणा की झांकी में खेलों में नंबर 1, छत्तीसगढ़ की झांकी में गोधन न्याय योजना: समृद्धि का एक नया मार्ग, गोवा की झांकी में ‘गोवा की विरासत के प्रतीक’, गुजरात की झांकी में गुजरात के आदिवासी क्रांतिकारी, जम्मू और कश्मीर की झांकी में ‘जम्मू-कश्मीर का बदलता चेहरा’ दिखाया गया है। कर्नाटक की झांकी में ‘कर्नाटक: पारंपरिक हस्तशिल्प का उद्गम स्थल’, महाराष्ट्र की झांकी में जैव विविधता और महाराष्ट्र के राज्य जैव-प्रतीक, मेघालय की झांकी में महिला नेतृत्व वाली सहकारी समितियों को श्रद्धांजलि, पंजाब की झांकी में स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब का योगदान, उत्तर प्रदेश की झांकी में काशी विश्वनाथ धाम और उत्तराखंड की झांकी में राज्य की प्रगति को दर्शाया गया।

केन्द्रीय मंत्रालयों की झांकियां

इसके अलावा 09 केन्द्रीय मंत्रालयों की झांकियां भी परेड का हिस्सा बनीं जिसमें शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की झांकी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी में ‘उड़ान-उड़े देश का आम नागरिक’, संचार मंत्रालय व डाक विभाग की झांकी का विषय ‘भारतीय डाक: 75 वर्ष @ संकल्प-महिला अधिकारिता’ रखा गया। गृह मंत्रालय की झांकी में सीआरपीएफ की वीरता और बलिदान की गाथा बताई गई। इसके अलावा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (सीपीडब्ल्यूडी), कपड़ा मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय, न्याय विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता विभाग और संस्कृति मंत्रालय की झांकियां भी सलामी मंच के सामने से गुजरीं। झांकियों के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सीमा भवानी के नेतृत्व में मोटर साइकिल टीम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के हिमवीरों ने मोटर साइकिल पर हैरतंगेज प्रदर्शन किया।

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