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Weather of MP: प्रदेश में कड़ाके की ठंड से राहत, इन 13 जिलों में हल्की बारिश का अलर्ट

भोपाल । अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के असर से हवाओं का रुख बदल गया है। हवाओं के साथ नमी आने की वजह से पूरे प्रदेश में मध्यम एवं ऊंचाई के स्तर पर बादल छाने लगे हैं।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बादलों के कारण दिन में तापमान में गिरावट होगी, जबकि रात का तापमान बढ़ने लगा है। इसी क्रम में बुधवार को प्रदेश के सभी शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। हिल स्टेशन पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

कड़ाके की ठंड से राहत

राजधानी भोपाल में रात का तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ, जो मंगलवार के न्यूनतम तापमान की तुलना में एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक एक पश्चिमी विक्षोभ अभी सक्रिय है। तीन फरवरी को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इस वजह से अभी पांच-छह दिन तक कड़ाके की ठंड से राहत बने रहने के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। इसके प्रभाव से पाकिस्तान के मध्य से लेकर राजस्थान तक एक प्रेरित चक्रवात बन गया है। इसके अतिरिक्त उत्तर भारत से लेकर मध्य प्रदेश तक लगभग 12 किलोमीटर की ऊंचाई पर पश्चिमी जेट स्ट्रीम अभी भी बना हुआ है।

बादल छा गए

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय इन मौसम प्रणालियों के असर से हवाओं का रुख दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है। हवाओं के साथ नमी आने की वजह से लगभग पूरे प्रदेश में मध्यम एवं ऊंचाई के स्तर पर बादल छा गए हैं। इस वजह से दिन के तापमान में गिरावट और रात के तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है।

ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बूंदाबांदी

पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी भी हो रही है। साथ ही वहां के मैदानी क्षेत्रों में वर्षा होने के भी आसार हैं। इस वजह से उत्तर भारत से लगे ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भी कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। उधर, तीन फरवरी को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इस वजह से पांच-छह फरवरी तक ठंड से राहत बनी रह सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने के बाद हवाओं का रुख उत्तरी होने से एक बार फिर रात के तापमान में गिरावट हो सकती है।

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