Sunday, October 13, 2024
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मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज का मुंबई मार्च, ‘आखिरी सांस’ तक लड़ने का संकल्प लिया

Maratha quota demand first raised in 1997: All about its long legal battle  - India Today

नई दिल्‍ली । जालना मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शनिवार को हजारों लोगों के साथ महाराष्ट्र के जालना जिले से मुंबई तक विरोध मार्च शुरू किया। उन्होंने मराठा समुदाय की आरक्षण की मांग को लेकर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए विरोध मार्च निकाला है।

सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे को हल करने में विफल

जरांगे ने मार्च शुरू करने से पहले संवाददाताओं से बातचीत में सरकार की उसके ”क्रूर और असंवेदनशील” रवैये और मराठा आरक्षण मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आलोचना की। उन्होंने इस दौरान अंतिम सांस तक लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। जरांगे के पैतृक गांव अंतरवाली सराटी से पूर्वाह्न करीब 11 बजे विरोध मार्च शुरू हुआ।

मैं अपनी आखिरी सांस तक विरोध जारी रखूंगा

उन्होंने संवाददाताओं से कहा,’मराठा समुदाय ने आरक्षण देने के लिए सरकार को सात महीने का समय दिया था, लेकिन इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की गई। जरांगे ने भावुक होकर कहा, ‘मैं अपनी आखिरी सांस तक विरोध जारी रखूंगा। जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं हो जाती, मैं पीछे नहीं हटूंगा।’ उन्होंने मराठा समुदाय के युवाओं द्वारा आत्महत्या किये जाने के मामलों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए राज्य सरकार और मंत्रियों की आलोचना की।

उन्होंने सवाल उठाया,”मराठा युवा आरक्षण के मुद्दे पर अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। सरकार इतनी असंवेदनशील और क्रूर कैसे हो सकती है और सिर्फ मराठा युवाओं को आत्महत्या करते हुए देख सकती है?

इकलौते बेटे ने आरक्षण के लिए अपनी जान दे दी

उन्होंने एक घटना के बारे में भी बताया, जिसमें छत्रपति संभाजीनगर जिले के पैठन के रहने वाले मराठा समुदाय के एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि उनके इकलौते बेटे ने आरक्षण के लिए अपनी जान दे दी। जरांगे ने कहा कि वह समुदाय के सदस्यों से बातचीत करेंगे कि मुंबई जाने के रास्ते में उपवास शुरू करना है या फिर मुंबई पहुंचने के बाद। जरांगे के नेतृत्व में विरोध मार्च के 25 जनवरी को मुंबई पहुंचने की संभावना है।

अंतरवाली सराटी गांव और मुंबई के बीच की दूरी 400 किलोमीटर से अधिक है। विरोध प्रदर्शन के दौरान मराठा समुदाय के हजारों सदस्य जरांगे के साथ हैं। प्रदर्शनकारी हर रोज कुछ घंटे पैदल चलेंगे और वाहनों का भी इस्तेमाल करेंगे। जरांगे 26 जनवरी से आरक्षण मुद्दे पर अपनी भूख हड़ताल शुरू करने वाले हैं।

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