पालघर : गुरुवार को पालघर जिले के दौरे पर आये महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा की हर हाथ को काम,हर खेती को पानी, प्रत्येक जल स्रोत के लिए सोलर पंप, हर खेत में ड्रिप सिंचाई जैसी सुबिधाये मिले तो किसानों की आय दोगुनी नहीं बल्कि तिगुनी हो जाएगी | मनरेगा के माध्यम से बेहतर काम किया जा सकता है। कई गांवों में मनरेगा के तहत विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। और मनरेगा के माध्यम से नागरिक समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं । विक्रमगढ़ तहसील में स्तिथ खोमरपाडा में वह यह बात बोल रहे थे| उन्होंने आगे कहा कि उच्च शिक्षा में आदिवासी लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है । और अनुसूचित क्षेत्रों के विकास की जिम्मेदारी राज्यपाल की है । इसलिए मुझे लगता है कि यह खोमारपाड़ा गांव दूसरे गांवों के लिए एक उदाहरण होना चाहिए। और इस गांव को इतना आदर्श बनाए कि एक दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गांव का दौरा करने आए । इस मौके पर ग्रामीणों से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा, प्रधानमंत्री का सपना भारत को विकसित भारत बनाना है । इसलिए पिछले 10 वर्षों में पीएम किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास कर हैं। और यहां आकर मुझे वह परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
लाभार्थियों से मिलने पहुंचे थे राज्यपाल
कभी मजदूरी के पलायन के लिए जाने जाना वाला खोमरपाडा में बकरी , मुर्गी , मछली पालन , तालाब समेत खेती के लिए सबसे ज्यादा सरकारी योजनाओं का फायदा ग्रामवासियों ने लिया है | जिसके निरीक्षण और लाभार्थियों से मिलने और उससे होने वाले फायदे के आए हुए थे | उन्हों ने सरकारी योजना से बनवाए गए कई लाभार्थियों के तालाब ,मुर्गी पालन , जानवर पालन और खेती का निरीक्षण कर उनसे बातचीत भी किया | इस अवसर पर पालघर डीएम गोविंद बोडके , एसपी बालासाहेब पाटिल , जिला परिषद के सी ई ओ भानूदास पालवे , अध्यक्ष प्रकाश निकम समेत अन्य मान्यवर और अधिकारी मौजूद थे |
सांसद राजेंद्र गावित कुपोषण को लेकर उठाया सवाल
पालघर के सांसद राजेंद्र गावित ने कई समस्याओं को गिनाते हुए अपने ही सरकार के कामों पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा की कुपोषण के कारण 140 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गयी है | जबकि मौजूदा सरकार में प्रशासन का उल्टा दावा है | प्रशासन का कहना है की जिले में कुपोषण पूरी तरह से कंट्रोल में है | जिसके बाद राज्यपाल ने कहा कि मेरी राय में यह देश का पहला गांव होगा जहां ग्रामीण व्यक्तिगत रूप से मनरेगा का लाभ उठा रहे हैं ,और समृद्धि की ओर अग्रसर हैं| आदिवासी इलाकों में कुपोषण एक बड़ी समस्या है| अब यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि महाराष्ट्र और भारत से कुपोषण खत्म हो जाए। पालघर में कुपोषण से हो रही बच्चों की मौत को लेकर उन्होंने नागरिकों को आश्वासन दिया कि वह स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेंगे और कुपोषण की समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे|