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पालघर जिले के डहाणू में वाढवण बंदरगाह के विरोध में उमड़ा जन सैलाब

वाढवण बंदरगाह के विरोध प्रदर्शन में नेताओं को हिस्सा लेने की नही थी अनुमति

संजय सिंह ठाकुर / पालघर : पालघर में वाढवण बंदरगाह और केंद्र सरकार के विरोध में मच्छुवारो , किसानों और समुंद्र तटीय गांवो में बसे लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया | डहाणू पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण द्वारा इस बंदरगाह को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद यह प्रदर्शन किया गया | इनका कहना था किसी भी हालत में हम विनाशकारी वाढवण बंदरगाह को बनने नही देंगे | इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए पालघर जिले समेत मुंबई,  ठाणे और कोकण से हजारों की संख्या में किसान और समुंद्र तटीय गांवो में बसे लोग आये थे | इस प्रदर्शन में नेताओं को हिस्सा लेने की अनुमति नही थी |नेताओ के आने पर प्रतिबन्ध लगाया गया था |

देखें वीडियो ….

पालघर जिले डहाणू के वाढवण गांव से करीब साढ़े चार किलोमीटर अरब समुन्द्र के अंदर वाढवण बंदरगाह बनने वाला है। बंदरगाह के लिए 42 हजार एकर जमीन लगने वाला है । जिसमे सड़क और रेलवे के लिए 571 एकर जमीन  लगने वाला है |   बनने वाले इस बंदरगाह में 74 प्रतिशत केंद्र सरकार और 26 प्रतिशत राज्य साकार की हिस्सेदारी है।

वही वाढवण बंदरगाह का विरोध करने वालो का कहना है की अरब समुन्द्र के अंदर  पांच चौ. किलोमीटर क्षेत्र में पत्थर ,कपारी , खाच ,खलगे जैसी प्राकृतिक संरचना वाले इस क्षेत्र में , घोल, दाढा ,पापलेट , रावस , शिवंड ,मुशी जैसी करीब 250 प्रकार के प्रजाति की कीमती मछलियो के प्रजनन का केंद्र है । यह क्षेत्र वसई से लेकर झाई तक मछली पकड़ने का मुख्य केंद्र है। इस क्षेत्र में  मछली पकड़ने के लिए पांच हजार वोट है और लाखों मछुवारे मछली पकड़ कर अपनी जीविका चलाते है। ऐसा बताया जाता है यहां पर समुन्द्र के अंदर 20 मीटर प्राकृतिक गड्ढा है , जिसके कारण समुन्द्र में आने वाले तूफान , ऊंची ऊंची उठने वाली लहरों का असर इस क्षेत्र में नहीं पड़ता है | बंदरगाह बनाने के लिए समुन्द्र में 3 हजार 970 एकर जगह पर पत्थर, मुरुम माटी से भराव किया जाएगा ,जिससे दक्षिण दिशा में बहने वाला धारा खंडित होगा और उसका परिणाम समुन्द्र तट पर बसे गांवों में होगा।

समुन्द्र के पानी को रोकने के लिए दोनों तरफ से साढ़े 6 किलोमीटर और साढ़े चार किलोमीटर लंबी दीवार बनाई जाएंगी । जिससे डहाणू खाड़ी ,तारापुर खाड़ी ,वाढ वण खाड़ी के पास बसे गांवों को हटाया जाएगा। 12 चौ. किलोमीटर  प्रतिबंधित क्षेत्र मे मछुवारे मछली नही पकड़ पाएंगे । लाखों मैंग्रोवर पेडो का कत्ल किया जाएगा जिससे पर्यवरण को क़ाफी धोखा निर्माण होगा | खास बात यह कि पाकिस्तान और कराची से 507 नॉटिकल दूरी पर स्थित तारापुर परमाणु केंद्र और तारापुर एम्आईडीसी को राष्ट्रीय सुरक्षा का धोखा निर्माण होगा । ऐसे तमाम कारन है जिसके कारण हम सब इस बंदरगाह का विरोध कर  रहे है |

अभी तक वे नतीजा रहे है प्रदर्शन

 इसके पहले वाढवण बंदरगाह के विरोध में वाढवण बंदर विरोधी संघर्ष समिति और मच्छीमार सहकारी संस्था , सामाजिक संस्थाओ के माध्यम में ,मोर्चा ,धरना, मानवी चैन , मतदान पर वहिष्कार अन्य तरीकों से वाढवण बंदरगाह का विरोध किया गया था , लेकिन अभी तक यह सभी आन्दोल वे नतीजा ही रहा है।

 

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