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पालघर में कोरोना के बाद हाथी पांव रोग ने पसारा पैर , जिले में 672 लोग  इस बिमारी से ग्रस्त है

स्वास्थ्य विभाग चलाएगा 10 दिवसीय सामूहिक चिकित्सा अभियान

केशव भूमि नेटवर्क /  पालघर : वैश्विक महामारी करोना के बाद अब पालघर जिले में तेजी से पैर पसार रहे हाथी पांव रोग की रोकथाम और उस पर शिकंजा कसने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग18 जुलाई से 10 दिवसीय ‘’सामूहिक  चिकित्सा अभियान’’ चलाएगा । इस अभियान के अंतर्गत जिले के तलासरी, विक्रमगढ़ और दहानू तहसील में सामूहिक रूप से डीईसी और एल्बेंडाजोल टैबलेट नामक दवाएं लोगों कों खाने के लिए दी जाएगी|ताकि इस लाइलाज रोग को फैलने से रोका जा सके । जिले में 672 लोग इस बिमारी से ग्रस्त है|शुक्रवार को जिला मलेरिया अधिकारी अश्विनी राव ने यह जानकारी दिया ।

स्वास्थ्य अधिकारी अश्विनी राव ने बताया की हाथी पांव, फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर गंदगी वालों जगहों में सबसे अधिक पाया जाता है। इन मच्छरों के प्रकोप से यह बीमारी तेजी से बढ़ती है। 2016 से 2022 तक हाथी पांव रोग संक्रमण को लेकर जिले में विभिन्न सर्वेक्षण किया गया था.इस सर्वेक्षण(टीएएस) के अनुसार, दहानू, विक्रमगढ़ और तलासरी तालुका में 29 बच्चो समेत जिले में 672 व्यक्ति हाथी रोग से ग्रस्त पाए गए हैं.

उन्हों ने कहा की यह बिमारी लाइलाज है|एक बार यह बिमारी होने के बाद दुनिया में इसका कोई इलाज नही है | हालांकि उन्होंने हाथीपांव बिमारी से बचाव के लिए यह भी कहा कि अगर लगातार 5 साल तक, साल में एक बार डीईसी और एल्बेंडाजोल टैबलेट की सिर्फ एक खुराक ली जाए तो हाथीपांव रोग नहीं होगा. इन गोलियों के सेवन से इस बिमारी का फैलाव रुक जाएगा। साथ ही हम स्वयं और आने वाली पीढ़ी हाथीपांव बिमारी से मुक्त हो जायेंगे। साथ ही उन्हों ने अपील करते हुए कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोग इन गोलियों का सेवन करें। इस गोली का सेवन कभी खाली पेट नही करना चाहिए | इस अवसर पर जिला परिषद के सभापती संदेश ढोणे ,सहायक जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.साळुंखे , डॉ.कुलकर्णी उपस्तिथ थे |

क्या है हाथी रोग

हाथी पांव रोग में व्यक्ति के पैरों में इतनी सूजन आ जाती है कि उसका पैर हाथी के पैर के समान मोटा हो जाता है, इसलिए इस रोग को हाथी पांव भी कहते हैं. यह रोग मनुष्य के अंडकोष और हाथ-पैरों में अधिक होता है. फाइलेरिया रोग, जिसे हाथी पांव या फील पांव भी कहते हैं, में अक्सर हाथ या पैर बहुत ज्यादा सूज जाते हैं.

 

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