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पालघर में भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर सामूहिक हनुमान चालीसा का हुवा पाठ

विष्णु भगवान के छठे अवतार है, भगवान राम से बने परशुराम

केशाव भूमि नेटवर्क /  पालघर : पालघर में भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर राम मंदिर में सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कर परशुराम का जन्मोत्सव और अक्षय तृतीया का त्यौहार मनाया गया. भगवान परशुराम के छाया चित्र पर फुल की माला अर्पित कर और  दीप प्रज्वलित कर श्रद्धा भाव के साथ पूजा पाठ कर उनकी आरती भी उतारी गई.

विष्णु भगवान के छठे अवतार माने जाने वाले, भगवान परशुराम का जन्मोत्सव और अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर शनिवार को मुकेश दुबे और भक्तो द्वारा पालघर के राम मंदिर में इस त्यौहार को मानाने के लिए भजन ,कीर्तन के साथ सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. मंदिर में एकत्र हुए भक्तों नें पुरे जोश , उमंग के साथ सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ तथा आरती कर बड़े धुमधाम से भगवान परशुराम का जन्मोत्सव और अक्षय तृतीया का त्यौहार मनाया .इस आयोजन में बड़ी संख्या में सभी उम्र की महिलाए , पुरुष सामिल हुए थे.

वही इस अवसर पर मुकेश दूबे ने कहा की भार्गव वंश में जन्मे भगवान परशुराम ,भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, उनका जन्म त्रेतायुग में हुआ था. भगवान परशुराम के बचपन का नाम राम था. लेकिन एक बार उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी. तब भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें परशु नामक अस्त्र वरदान के रूप में दिया था. तब से उन्हें परशुराम के नाम से जाना जाने लगा.

 ऐसी मान्यता है कि भगवान परशुराम आज भी इस धरती पर मौजूद हैं. परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया पर  किया गया दान-पुण्य कभी क्षय नहीं होता. अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी. 8 चिरंजीवियों में भगवान परशुराम समेत महर्षि वेदव्यास, अश्वत्थामा, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और ऋषि मार्कंडेय हैं, जो आज भी इस कलयुग में विचरण कर रहे हैं. भगवान परशुराम कों जिस तरह शस्त्र और शास्त्र का ज्ञान था, उनके प्रक्रम को देखते हुए भगवान राम नें भी उनसे मार्गदर्शन और शिक्षा लिया था. उसके बाद उन्हों रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त किया .

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