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ममता नागरिकता संशोधन अधिनियम पर बोलने से पहले प्रावधान पढ़ें: राज्यपाल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने सलाह दी है कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लागू नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कुछ भी बोलने से पहले उसके प्रावधान पूरी तरह पढ़ें। राज्यपाल की यह टिप्पणी इस अधिनियम को लागू करने के फैसले के एक दिन बाद मंगलवार देर रात आई।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की घोषणा के तुरंत बाद ममता बनर्जी ने केंद्र के इस कदम को लोकसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक नौटंकी करार दिया था। मुख्यमंत्री ने इसकी कानूनी वैधता पर भी सवाल उठाया था। राज्यपाल ने कहा है कि इस अधिनियम का उद्देश्य देश को विभाजित करना नहीं, बल्कि एकजुट करना है। राज्यपाल ने कहा, मैं अपनी संवैधानिक सहयोगी, मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे पहले अधिनियम के विवरण का अध्ययन करें और समझें, उसके बाद ही इस पर टिप्पणी करें।

उत्तर 24 परगना जिले में मंगलवार को जनसभा में ममता ने लोगों को सीएए पोर्टल पर नामांकन के खिलाफ चेताया था। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी थी, “जब पोर्टल पर आवेदन करेंगे, तो आप वास्तविक नागरिक से अवैध प्रवासी बन जाएंगे और एक बार जब आप अवैध प्रवासी बन गए तो आपकी संपत्ति और पेशे का क्या होगा? आपको डिटेंशन कैंप में भेज दिया जाएगा, इसलिए आवेदन करने से पहले दो बार सोचें।
इस पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय को गुमराह कर रही हैं। मगर वह अपने मकसद में सफल नहीं होंगी।

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