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पन्नू केस में निखिल गुप्ता को बड़ा झटका, चेक की अदालत ने अमेरिका प्रत्यार्पण को दी मंजूरी

नई दिल्‍ली । चेक रिपब्लिक की संवैधानिक अदालत ने अमेरिका स्थित सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के मामले में निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। चेक रिपब्लिक की पुलिस ने अमेरिका के कहने पर निखिल गुप्ता को हिरासत में लिया था। गुप्ता पिछले साल जून से चेक की राजधानी प्राग की जेल में हैं। उसके प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला चेक न्याय मंत्री पावेल ब्लेजेक लेंगे। प्रत्यर्पण के खिलाफ गुप्ता की याचिका प्राग स्थित चेक अदालत ने खारिज कर दी थी।

अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का पिछले साल नवंबर में आरोप लगाया था। अमेरिकी सरकार का कहना है कि गुप्ता ने पन्नू की हत्या के लिए एक हिटमैन को हायर करने की कोशिश की थी। आतंकवाद के आरोपों में भारत में वांटेड पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया था।

इससे पहले प्राग नगर निगम अदालत ने 23 नवंबर, 2023 को और प्राग हाईकोर्ट ने 8 जनवरी, 2024 को अमेरिका के अनुरोध को स्वीकार करते हुए निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद गुप्ता ने इन दोनों ही अदालतों के फैसले को चेक रिपब्लिक की संवैधानिक अदालत में चुनौती दी। लेकिन संवैधानिक अदालत ने निखिल गुप्ता की याचिका खारिज कर दी और उनके अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।

निखिल गुप्ता ने राजनीतिक मंशा का आरोप लगाते हुए निचली अदालतों के फैसले को चुनौती दी थी। संवैधानिक अदालत ने माना कि निचली अदालतों ने गुप्ता की आपत्तियों के जवाब में अमेरिका द्वारा प्रदान की गई अतिरिक्त जानकारी के साथ-साथ अमेरिकी सरकार द्वारा प्रस्तुत सभी प्रत्यर्पण दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की है। चार महीने पहले, जनवरी में, संवैधानिक अदालत ने निचली अदालतों के फैसलों को निलंबित करने का अंतरिम निर्णय लिया था।

अमेरिका का आरोप है कि निखिल गुप्ता ने अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले पन्नू की हत्या के लिए एक हिटमैन को 100,000 डॉलर (लगभग 80 लाख रुपये) नकद दिए थे। गुप्ता ने जिस हिटमैन से संपर्क किया वह एक अमेरिकी खुफिया एजेंसी का अंडरकवर एजेंट था। अमेरिका का कहना है कि गुप्ता को कथित तौर पर एक भारतीय सरकारी अधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया था जिसका नाम नहीं बताया गया है।

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