Sunday, November 24, 2024
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राजस्‍थान में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल से बड़े अस्पतालों में बिगड़े हालात, मरीज हो रहे परेशान

जयपुर। राजस्‍थान में शुक्रवार से रेजिडेंट डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से हड़ताल का ऐलान किया गया है। जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर, अजमेर सहित अन्य सभी मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं। हड़ताल करने के बाद सरकारी अस्पतालों के हालात बिगड़ गए हैं। सभी शहरों में मरीज परेशान हो रहे हैं।

राजधानी जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का पांचवा दिन है। पिछले दिनों कांवटिया अस्पताल में खुले में एक महिला के प्रसव के मामले में तीन रेजिडेंट डॉक्टरों को एपीओ किया गया था। इसके बाद जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि उनके रेजिडेंट्स को झूठे मामले में फंसाया गया है। ऐसे में जिन रेजिडेंट्स को एपीओ किया गया है। उनके एपीओ आदेश निरस्त किए जाए। अन्यथा वह तब तक हड़ताल करेंगे, जब तक रेजिडेंस के एपीओ आदेश निरस्त नहीं होंगे। जार्ड का कहना है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स को हमेशा झूठे मामलों में फंसा कर एपीओ कर दिया जाता है। पहले भी सचिन शर्मा की मौत के मामले में दो रेजिडेंट को एपीओ किया गया है, जो अब तक एपीओ चल रहे हैं और अब कांवटिया अस्पताल के मामले में तीन रेजिडेंट डॉक्टरों को एपीओ किया गया है। ऐसे में अब तक पांच रेजिडेंट डॉक्टर एपीओ चल रहे हैं। यह सभी रेजीडेंट डॉक्टर निर्दोष हैं। उनकी कोई गलती नहीं है इन्हें गलत तरीके से एपीओ किया गया है।

ऐसे में अन्य रेजिडेंट को डर है कि आगामी तौर पर अगर कुछ भी होगा तो उन्हें भी झूठे तरीके से फंसा कर एपीओ कर दिया जाएगा। ऐसे माहौल में रेजीडेंट डॉक्टर काम नहीं कर सकते हैं। इसलिए जब तक इन पांच रेजिडेंट डॉक्टरों के एपीओ आदेश को निरस्त नहीं किया जाएगा तब तक रेजिडेंट हड़ताल करेंगे। जार्ड ने कहा कि पहले जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित अस्पतालों में हड़ताल की गई थी। लेकिन पिछले चार दिनों में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इस संबंध में उनसे कोई वार्ता नहीं की। ऐसे में सुलह के आसार नजर नहीं आए। इसके बाद अब पूरे राजस्थान में सभी रेजिडेंस को मजबूरन स्ट्राइक पर जाना पड़ा है।

प्रदेश भर में पांच हजार से ज्यादा रेजिडेंट स्ट्राइक पर चले गए हैं। जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करीब दो हजार रेजिडेंट डॉक्टर हैं। इसके अलावा कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर आदि मेडिकल कॉलेज को मिलाकर करीब तीन हजार रेजिडेंट डॉक्टर हैं। ऐसे में कुल करीब पांच हजार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं। इस वजह से अस्पतालों में हालात बिगड़ गए हैं। राजधानी जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से पूरे दिन की हड़ताल की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज से संबंधित अस्पतालों में सुबह 8 बजे से 10 तक दो घंटे की स्ट्राइक की गई है। सभी अस्पतालों में यह दो घंटे की स्ट्राइक की गई है। स्ट्राइक से सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर, एमबीएस अस्पताल कोटा, उम्मेद अस्पताल जोधपुर, महाराणा भूपाल हॉस्पिटल उदयपुर, जेएलएन अस्पताल अजमेर, पीबीएम अस्पताल, बीकानेर में मरीज परेशान है।

रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का सबसे ज्यादा प्रभाव ओपीडी में दिख रहा है। चैम्बरों में डॉक्टरों के नहीं मिलने से मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर रैंक के डॉक्टरों के साथ कुछ इन सर्विस डॉक्टर ओपीडी में बैठकर मरीजों को देख रहे है। लेकिन मरीजों की भीड़ ज्यादा होने से तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। क्योंकि अस्पतालों में 60 फीसदी काम रेजिडेंट डॉक्टर संभालते है। ऐसे में अस्पतालों में हालात बिगड़े हुए है।

एसएमएस के अधीक्षक डॉ अचल शर्मा ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की स्ट्राइक चल रही है। मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो। इसका ध्यान रखा जा रहा है। हमने पहले ही सभी फेकल्टी के प्रोफेसर व अन्य सीनियर्स को ड्यूटी पर लगा दिया है। सभी सीनियर्स मरीजों को देख रहे है और इलाज कर रहे है। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ राजेश कुमावत ने बताया कि अब तक पांच रेजिडेंट्स को एपीओ किया जा चुका है। अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। जब तक सभी के एपीओ आदेश निरस्त नहीं होंगे तब तक स्ट्राइक जारी रहेगी।

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