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प्रशासन के प्रति पालघर के विधायकों में आक्रोश , एक्सप्रेसवें के लिए जबरदस्ती तोड़े गए घर

संजय सिंह ठाकुर/ पालघर : पालघर जिले के डहाणु तहसील के धनीवारी गांव में बेघर हुए पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे विधायकों के सामने लोगों नें खूब जमकर हंगामा किया. हंगामा करने वाले लोंग मुआवजे के साथ दोषी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की मांग कर रहे थे. इस दौरान पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने पहुंचे नेता आपस मे  ही भीड़ गये , और एक दूसरे से गली गलौज, हाथापाई कर बैठे. वही ममले को तूल पकड़ता देख और पीड़ित परिवारों को जिस तरह बल का प्रयोग कर उन्हें, उनके घरों से जबरदस्ती निकाल कर, की गयी कर्रवाई से नाराज विधायकों नें अधिकारियों को जमकर फटकार लगाया. जिसके बाद प्रशासन द्वारा इन गरीब पीड़ित परिवारों को जल्द उनके घर का  मुआवजा देने और तब तक उनके रहने खाने की व्यवस्था कर, देने का आश्वासन मिलने के बाद मामला शांत हुवा.

डहाणू की SDM संजीता महापात्रा के आदेश के बाद मुंबई -अहमदाबाद एक्सप्रेसवें के निर्माण के लिए लगने वाली जमीन के अधिग्रहण करने के लिए बुधवार को बडी संख्या में पुलिस बल के साथ पीड़ित परिवारों के घर प्रशासन पहुंचा. उसके बाद  पुलिस बल का प्रयोग कर इन गरीब परिवारों को उनके घरों से जबरदस्ती बाहर निकाल कर, उनके घरों पर प्रशासन नें बुलडोजर चला कर उसे जमींदोज कर दिया. जिसके बाद बेघर हुए परिवारों नें अपनी रात को खुले आसमान के नीचे गुजारा.

वही यह मामला सामने आने के बाद गुरुवार को धानीवारी गांव में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए एनसीपी के विधायक सुनील भुसारा , BVA के विधायक राजेश पाटिल, एकनाथ शिंदे गुट  शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)  के विधायक श्रीनिवास वनगा और सी.पी.एम. के विधायक विनोद निकोले, पूर्व सांसद वलीराम जाधव ,  उद्धव ठाकरे गुट के विधान परिषद के विधायक डॉ.  सुनील शिंदे शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) यह सब विधायक पहुंचे थे. विधायकों ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली, उसके बाद प्रशासन के प्रति नराजगी जताते हुए विधयकों ने मौजूद अधिकारियों ,पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए तुरंत पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने ,और उनके खाने ,रहने की व्यवस्था करने की  और दोषी अधिकारियों और कर्मियों को निलंबित करने की मांग किया. सुनील भुसारा समेत सभी विधायकों की तीव्र नाराजगी को देखते हुए प्रशासन ने पीड़ित परिवार के रहने , खाने और जल्द से जल्द  उनके घरों का मुआवजा देने की बात कही गई . प्रशासन ने कहा जब तक पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिलता तब तक यहां का एक्सप्रेसवे का काम बंद रहेगा.

मुंबई -अहमदाबाद एक्सप्रेसवें के निर्माण के लिए लगने वाली जमीन के अधिग्रहण और निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए लगने वाली जिन जमीनों का अभी तक अधिग्रहण नही हुवा है, इन जमीनों को बारिश के पहले किसी भी हाल में अधिग्रहण करने के लिए पालघर जिला प्रशासन जुटा है. SDM संजीता महापात्रा के आदेश के बाद बुधवार को काफ़ी पुलिस बंदोबस्त के साथ अधिकारी धानीवरी गांव में पहुंचे और लाख विरोध के बाद भी करीब 11 आदिवासी किसानों के घरों को जमीन में मिला दिया. इस दौरान भूमि अधिग्रहण करने के लिए आये पुलिस बल और मौजूद अधिकारियों के बीच में काफ़ी कहा सुनी हुई .

वही पीड़ित परिवारों नें प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है की हमें , हमारे घर का मुआवजा दिए बिना, बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर हमारे परिवार और छोटे छोटे बच्चों, बुजुर्ग महिलाओं को घर के अन्दर से जबरदस्ती बाहर निकाल कर, घर के अन्दर रखे सामान को जबरदस्ती बाहर फेक दिया गया.और हमारे सामने हमारे घरों को तोड़ दिया. ऐसे हालत  हम कहा जाए.

जबकि SDM संजीता महापात्रा कहना है कि , इन घर वालों का और जमीन मालिक का मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा था. इस मामलें की सुनवाई करने के बाद यह आपसी सहमति बनी की जमीन का मुआवजा जमीन मालिक को और घर का मुआवजा घर वालों को दिया जाएगा. पेड़ों का मुआवजे में दोनों को आधा आधा दिया जाएगा.घर वाले जमीन मालिक का NOC लेकर देंगे उसके बाद उन्हें घर का मुआवजा दिया जाएगा. लेकिन अभी तक उन्हों ने जमीन मालिक का NOC लाकर नहीं दिया है जिसके कारण उनका मुआवजा रुका हुवा है.

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