पालघर : पालघर में रविवार को देर शाम इस्कॉन की तरफ से बड़े धूम धाम के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई । इस रथ यात्रा में बड़ी संख्या में भक्तो ने भगवान के दर्शन का लाभ उठाया । पालघर कमला पार्क से शुरू हुई यह शोभायात्रा पालघर रेलवे स्टेशन होते हुए पूर्व में रेलवे स्टेशन के पास स्थित इस्कॉन मंदिर में समाप्त हुई ।
पालघर में हर साल की तरह इस साल भी रविवार को इस्कॉन की तरफ से भगवान जगन्नाथ जी रथ यात्रा निकाली गई थी । भगवन जगन्नाथ जी के रथ को खीचने के लिए भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला। भगवान श्री जगन्नाथ जी उत्कल प्रदेश यानि उड़ीसा के प्रधान देवता माने जाते हैं । वही वैष्णव धर्म में मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं।मान्यता है कि श्रीकृष्ण जगन्नाथ जी की कला का ही एक रूप हैं।
भगवान जगन्नाथ का रथ नीम की पवित्र और परिपक्व काष्ठ यानी लकड़ियों से बनाये जाता है, । इसके लिए नीम के स्वस्थ और शुभ पेड़ की पहचान की जाती है । इसमें खास बात यह है की इस रथ के निर्माण में किसी भी प्रकार के कील या कांटे या अन्य किसी धातु का प्रयोग नहीं होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, रथ खींचने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। शायद यही बात भक्तों में उत्साह, उमंग और अपार श्रद्धा का संचार करती है । इस तस्वीरों को आप खुद ही देख लीजिये की पालघर और पालघर की सड़के चारो तरह किस तरह श्रीकृष्ण भगवान के नामो और हरे कृष्णा हरे कृष्णा से गुज उठी है
उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। यहाँ के वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं। इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। श्री जगन्नाथ जी पूर्ण परात्पर भगवान है और श्रीकृष्ण उनकी कला का एक रूप है।