नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ बैठक कर आम बजट के संदर्भ में चर्चा करेंगे। बैठक के दौरान आम बजट के प्रावधानों के जरिए विकसित भारत का रोडमैप तैयार करने, निवेश हासिल करने के लिए आर्थिक सुधार की रफ्तार तेज करने और मध्य-निम्न मध्यवर्ग को राहत देने के उपायों पर बातचीत होगी।
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बैठक में नीति अयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और अन्य सदस्य, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शिरकत करेंगे। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश करेंगी। इस बार आम बजट में उद्योग के साथ मध्य और निम्न मध्यवर्ग को बड़ी राहत मिलने की संभवना जताई जा रही है। सरकार की योजना अधिक से अधिक निवेश हासिल करने के लिए आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज करने की है। बीते सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार तीसरे कार्यकाल में सुधारों को तेज गति देगी। सरकार की रणनीति अधिक निवेश हासिल कर विकास दर बढ़ाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने की है। बैठक में पीएम विशेषज्ञों से यह जानना चाहेंगे कि किस क्षेत्र में किस स्तर पर सुधार की आवश्यकता है।
मोदी सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। आम बजट के जरिए सरकार की इच्छा विकसित भारत का रोडमैप तैयार करने की है। इसके लिए विशेषकर इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में विशेष प्रयास की जरूरत है। बैठक में पीएम विकसित भारत के रोडमैप पर भी विशेषज्ञों के सुझाव जानेंगे। राजनीतिक दृष्टि से सरकार की मुख्य चिंता गरीब, मध्य और निम्न मध्यवर्ग है। अर्थशास्त्रियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी इनके लिए राहत की मांग कर रहे हैं। सरकार की योजना आय कर, होम लोन मामले में मध्य और निम्न मध्य वर्ग को राहत देने की है। गरीब वर्ग के सशक्तिकरण के लिए नई योजना शुरू करने की भी योजना है। ऐसे में इस बैठक में इन वर्गों के लिए राहत पर भी पीएम विशेषज्ञों की राय से रूबरू होंगे।