नई दिल्ली । सोने की खान और खनिज ब्लॉकों की नीलामी में झारखंड पिछड़ रहा है। झारखंड सरकार ने अब तक 10 खनिज ब्लॉकों की नीलामी नहीं की है। इस पर केंद्रीय खान मंत्रालय ने नाराजगी जताई है। केंद्र ने नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी कि यदि झारखंड नीलामी नहीं कर पाता है तो उनके स्तर से नीलामी की जाएगी। केंद्र की ओर से कहा गया कि ये ब्लॉक सामान्य और प्रारंभिक स्तर के हैं। दस ब्लॉकों में एक तांबे की खदान, एक चूना पत्थर और एक ग्रेफाइट की खदान शामिल है।
खनन नियम 2021 के मुताबिक अगर कोई राज्य सरकार तय अवधि में खदानों की नीलामी नहीं कर पाती है तो केंद्र सरकार खनिज ब्लॉकों को बेच सकती है। खनिज ब्लॉकों की नीलामी में झारखंड सरकार लगातार पिछड़ रही है। भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने झारखंड सरकार को 38 भू वैज्ञानिक रिपोर्ट सौंपी थी, मगर सरकार ने केवल पांच रिपोर्ट का उपयोग नीलामी के लिए किया।
सूत्र बताते हैं कि झारखंड सरकार ने दिसंबर 2021 तक 15 ब्लॉकों की नीलामी करने की बात कही थी, लेकिन महज चार ब्लॉकों की ही नीलामी की जा सकी। बाकी 11 खदानों की नीलामी अब तक नहीं हो सकी है। इनमें सबसे अहम पोटॉश ब्लॉक को अब केंद्र सरकार नीलाम करेगी। जबकि बाकी बचे 10 ब्लॉकों को राज्य सरकार को बेचना है। इस पर खान मंत्रालय ने नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द ब्लॉकों को नीलाम करने के लिए कहा है। ऐसा न करने पर खान मंत्रालय ब्लॉकों को नीलाम करेगा।
बता दें कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक देश में 12 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई है। ये सभी राजस्थान में हैं। ये ब्लॉक अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और जेके सीमेंट जैसी कंपनियों को मिले हैं।