नई दिल्ली । सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी को दिए जा रहे आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के आरक्षण में सब कैटेगरी और क्रीमी लेयर का प्रावधान करने का आदेश दिया है। मकसद है कि जो परिवार आरक्षण का लाभ लेकर समर्थ हो चुके हैं उनके हिस्से का रिजर्वेशन कमजोर तबके को दिया जाए। लेकिन इस पर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान, सांसद शांभवी चौधरी और पप्पू यादव के बाद राजद के तेजस्वी यादव ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने छुआछूत और गैरबराबरी दूर करने के लिए आरक्षण दिया था। इसमें आर्थिक आधार या क्रीमी लेयर जैसी शर्तें मंजूर नहीं करेंगे।
समाज में छुआछूत, भेदभाव और गैरबराबरी व्याप्त
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सवाल पर तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे कहा कि इस फैसले से हम सहमत नहीं हैं। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में इन लोगों को आरक्षण दिया। उन्होंने क्रीमी लेयर आर्थिक आधार को देखकर नहीं दिया था। उस समय समाज में छुआछूत, भेदभाव और गैरबराबरी व्याप्त थी। वह आज भी जारी है। दलितों आदिवासियों के प्रति मानसिकता पूरी तरीके से बदली नहीं है। आरक्षण इस गैर बराबरी को हटाने के लिए है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कोई संवैधानिक एंगल नहीं है।
तेजस्वी यादव ने बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण सीमा पर भी बात की। उन्होंने कहा कि इसे संविधान के शेड्यूल नाइन में शामिल करने के लिए हम लोग कोर्ट मूव करने की तैयारी कर चुके हैं।
बिहार के लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोले तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव शुक्रवार को विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी के घर उनके दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि देने गए। इसी दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों से बात की। नेता प्रतिपक्ष ने बिहार के लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन को लेकर नीतीश सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि अपराधी बिहार में बेलगाम हो गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुछ चलती नहीं है। अधिकारी अपनी मनमर्जी करते हैं और मुख्यमंत्री गिड़गिड़ाते रहते हैं। उनसे बिहार चल नहीं रहा है। बहुत नाजुक स्थिति है।
सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए : चिराग पासवान
तेजस्वी यादव से पहले चिराग पासवान शाम बीवी चौधरी और पप्पू यादव नेवी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विरोध जताया चिराग पासवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। एससी एसटी के खिलाफ छुआछूत जैसी प्रथा कायम है। ऐसे में आरक्षण में सब कैटिगरी करना उचित नहीं है। एलजेपीआर सांसद शांभवी चौधरी ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि दलित समाज को दिया जा रहा आरक्षण ही छुआछूत पर आधारित है तो इसमें वर्गीकरण या क्रीमी लेयर का प्रावधान नहीं होना चाहिए। पप्पू यादव ने भी इस पर और असहमति जताई और कहा कि यह लागू होता है तो जीतन राम मांझी के पोता को आरक्षण नहीं मिलेगा।