नई दिल्ली. अमेरिका में मंदी की आहट क्या हुई इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखने लगा है. कारोबारी हफ्ते के पहले दिन सोमवार को शेयर बाजार में निवेशकों के डूब गए 16 लाख करोड़. बाजार खुलते ही भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की लहर उठी और सेंसेक्स-निफ्टी मुंह के बल गिर गए. शेयर बाजार में मार्च 2020 के बाद से ये अबतक कि सबसे बड़ी गिरावट बताई जा रही है. हालांकि बाजार कि गिरावट के पीछे ग्लोबल बाजारों की गिरावट का हाथ माना जा रहा है. अमेरिकी बाजारों की भयंकर गिरावट के चलते घरेलू शेयर बाजार टूटकर खुले हैं. बैंक निफ्टी 650 अंकों से ज्यादा टूटकर खुला है और ओपनिंग मिनटों में 800 अंक टूटकर 50560 तक लुढ़क चुका है. जबकि सेंसेक्स में 2500 पॉइंट से ज्यादा की गिरावट आई है.
बाजार की इस गिरावट में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ रुपये घट गया है यानी निवेशकों की दौलत मार्केट खुलते ही 16 लाख करोड़ रुपये घट गई है, क्योंकि बीएसई का मार्केट कैप 444.35 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका है. शुक्रवार को बीएसई का मार्केट कैप 457.21 लाख करोड़ रुपये पर रहा था, 5 अगस्त को मार्केट खुलते ही यह 4,47,64,692.65 करोड़ रुपये पर आ गया. इसका मतलब हुआ कि निवेशकों की पूंजी 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गई है.
सोमवार को बाजार खुलते ही बिखर गया. जहां बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सोमवार को ओपन होने के साथ ही अपने पिछले बंद की तुलना में बुरी तरह से टूटकर 1200 अंक की गिरावट के साथ 79,700.77 पर ओपन हुआ, तो वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी-50 ने भी 424 अंक की गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया. इससे पहले बीते शुक्रवार को भारतीय शेयर मार्केट में सुनामी जैसा नजारा देखने को मिला था. शुक्रवार को सेंसेक्स 885.60 अंक गिरकर 80,981.95 अंक पर बंद हुआ था. जबकि निफ्टी 50 यह 293.20 अंक टूटकर 24,717.70 लेवल पर बंद हुआ था.
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि चुनावी नतीजे वाले दिन को छोड़ दिया जाए तो यह मार्च 2020 की सबसे बड़ी गिरावट है. कोविड के बाद से हर किसी को लग रहा था कि सबसे ज्यादा पैसा बाजार में कमाई जा सकती है.. इसलिए हर कोई इसमें निवेश करने लगा.अब बाजार ने बता दिया कि मार्केट सुप्रीम होता है. मार्केट से बड़ा कोई नहीं होता. 2-3 दिन में करेक्शन देखने को मिल सकता है. ऐसे में निवेशको के पास अभी इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है.
शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे अमेरिका में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई डेटा में बड़ी कमी आई है, जो संकेत दे रहा है अमेरिका में मंदी आ सकती है. साथ ही बेरोजगारों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी भी हुई है, जिसका असर सीधे अमेरिकी बाजार पर पड़ा है. आईटी सेक्टर में छंटनी के ऐलान से भी संकट और गहरा गया है, जिससे ग्लोबल आईटी सेक्टर भी भारी दबाव में है.
अमेरिका में बेरोजगारी दर 4.3 फीसदी पर पहुंच गई है. यह अक्टूबर 2021 के बाद अमेरिका में बेरोजगारी का सबसे बड़ा आंकड़ा है. बेरोजगारी की दर में यह बढ़ोतरी बाजार के अनुमान से ज्यादा है और इसने एक बार फिर से मंदी के डर को तेज कर दिया है. एनालिस्ट मान रहे हैं कि बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ना आने वाली मंदी का संकेत है. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज का फ्यूचर आज सुबह 7 बजे 375 अंक से ज्यादा (लगभग 1 फीसदी) के नुकसान में था. इससे पहले शुक्रवार को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 610.71 अंक यानी 1.51 फीसदी की गिरावट आई थी. वहीं एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.84 फीसदी और टेक स्टॉक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट 2.43 फीसदी के नुकसान में रहा था.
बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है जिसके चलते जापान के शेयर बाजार में भी गिरावट आई है. वहीं, हमास चीफ की हत्या के बाद मीडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है जिससे ईरान-इजराइल के बीच युद्ध की आशंका गहरा गई है. यह फैक्टर भी ग्लोबल मार्केट को प्रभावित कर रहा है जिसका असर शेयर बाजार पर देखने को मिला है.