पालघर : मुंबई हाईकोर्ट ( Bombay High Court ) के आदेश के बाद पालघर नगरपरिषद ( Palghar Municipal Council ) में मनोनीत पार्षदो ( Nominated councillor) के नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने तीन हफ्ते में यानी 13 जुलाई तक यह नियुक्ति करने का आदेश दिया है। इस नियुक्ति को लेकर करीब डेढ़ महीने पहले हुई राजनीतिक खींचतान ,दांवपेच के कारण यह नियुक्ति नही हो पायी थी । जिसके बाद यह मामला मुंबई हाईकोर्ट पहुंच गया था | इसे लेकर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नगरसेवक व गट नेता कैलाश महात्रे ने 21 अप्रैल 2023 कों मुंबई हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखल किया था |
चार साल के लंबे इंतजार के बाद खाली पड़े दो सीटों पर 20 अप्रैल को मनोनीत पार्षदो की नियुक्ति होने वाली थी | जिसके लिए उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के तरफ से सुनील महेन्द्रकर और मनोज घरत के नाम का प्रस्ताव दिया गया था|इस नियुक्ति के विरोध में हुई राजनिति और कुछ नगरसेवको द्वारा अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र में खामियां निकाल कर आपत्ति दर्ज करवाया था |
चार साल से खाली पड़ा है पद
बता दे की 2019 में हुए पालघर नगरपरिषद चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद शिवसेना के हिस्से में मनोनीत पार्षद के 2 सिट और भाजपा के हिस्से के एक सीट आई थी| चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद भाजपा नें इस सिट पर मनोनीत पार्षद के रूप में अरुण माने का चयन कर दिया था| लेकिन आपसी खीचतान के कारण शिवसेना पिछले चार सालों में इन दो पदों पर किसी का चयन नही कर पाई थी| वही होने वाले नवनिर्वाचित मनोनीत पार्षदो की बात करें तो उन्हें अब केवल 10 महीने का ही कार्यकाल मिलने वाला है|क्योंकि उसके बाद नगर परिषद चुनाव के पांच साल पूर्ण हो जायेंगे | मार्च 2024 में फिर से चुनाव होने वाला है|