नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)से ठीक पहले कांग्रेस (Congress)के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (Bharat Jodo Nyay Yatra’)पर निकल पड़े हैं। राहुल ऐसे वक्त यात्रा कर रहे हैं, जब विपक्षी दलों का ‘INDIA’ गठबंधन एकजुट होकर भाजपा को लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने से रोकने की तैयारी कर रहा है। न्याय यात्रा सियासी तौर पर कितनी सफल होगी यह वक्त तय करेगा, पर पार्टी चुनाव में यात्रा का राजनीतिक लाभ लेने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती।
ग्यारह दिन में पूर्वोत्तर के पांच राज्यों की यात्रा कर राहुल गांधी कांग्रेस के लिए खोई हुई जमीन तलाशने की कोशिश करेंगे। क्योंकि, कभी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले पूर्वोत्तर में अब कांग्रेस की कोई सरकार नहीं है। लोकसभा में भी पूर्वोत्तर राज्यों की 25 सीटों में से पार्टी के पास सिर्फ चार सीटें है, जबकि वर्ष 2019 में भाजपा ने 15 सीट पर जीत दर्ज की थी। इसलिए, जीत की दहलीज तक पहुंचने के लिए पार्टी हर सीट को अहमियत दे रही है।
असम में यात्रा के दौरान राहुल गांधी जहां पार्टी घोषणा-पत्र पर लोगों के साथ चर्चा करेंगे। वहीं, पश्चिम बंगाल में पार्टी यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास कर रही है कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी यात्रा में शामिल हो। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ममता बनर्जी यात्रा का हिस्सा बनती हैं तो इससे पूरे देश में राजनीतिक संदेश जाएगा। वहीं, बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आपसी तालमेल बेहतर होगा।
पार्टी मानती है कि यात्रा से चुनाव का माहौल बनाने में मदद मिलेगी। घटक दलों के नेता अपने-अपने राज्यों में यात्रा का हिस्सा बनते हैं तो इससे मतदाताओं में गठबंधन को लेकर विश्वसनीयता बढ़ेगी। पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में गठबंधन के घटक दलों की सरकारें हैं। यूपी में कांग्रेस सपा और रालोद के साथ चुनाव लड़ना चाहती है। तीनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर एक दौर की बातचीत भी चुकी है।
इसके साथ यात्रा में राहुल गांधी जिस तरह केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साध रहे हैं, उससे वक्त के साथ उनके हमलों की धार और तेज होगी। इसका फायदा गठबंधन को मिलेगा। क्योंकि, गठबंधन के घटक दल भी इन मुद्दों को उठाकर केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं। इनमें आर्थिक न्याय, सामाजिक न्याय और राजनीतिक न्याय शामिल है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी कोशिश है कि पश्चिम बंगाल में दाखिल होने के बाद गठबंधन की यात्रा नजर आए। हम घटक दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
– ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ जिन 15 राज्यों से गुजर रही है, उनमें लोकसभा की 357 सीटें हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में इनमें से ज्यादातर सीट पर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने जीत दर्ज की थी।
– मणिपुर से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरुआत के वक्त ‘इंडिया’ गठबंधन के स्थानीय नेताओं ने यात्रा में हिस्सा लिया था। इनमें सीपीएम, सीपीआई और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) शामिल थीं।