पालघर : पालघर में शुक्रवार को काफी हंगामे के बीच वाढवण बंदरगाह की जनसुनवाई की गयी|इस दौरान जनसुनवाई में आए लोगों नें वाढवण बंदरगाह के विरोध में खूब जमकर हंगामा किया| इस दौरान सरकार के विरोधी पार्टियों के स्थानीय विधायक और नेता भी लोगों के सुर में सुर मिलते हुए नजर आये | महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा सोनोपंत दांडेकर कॉलेज के पास स्तिथ पालघर क्रीडा संकुल ग्राउंड पर यह जनसुनवाई रखी गयी थी|इस जनसुनवाई में करीब 10 हजार से ज्यादा लोंग शामिल हुए थे|
वही इस जनसुनवाई में वाढवण बंदर विरोधी संघर्ष समिति के लोगों द्वारा अधिकारियों से किये गए सवालों का संतोष जनक जबाब नही मिलने से लोगों ने मौजूद अधिकारियों कों आड़े हाथों लेते हुए वाढवण बंदर रद्द करने और दुबारा जनसुनवाई करने की मांग करने लगे |उनका कहना था कि जेएनपीटी के लोंग सरकार से मिली भगत कर वाढवण बंदरगाह को बनाने के लिए हमारी आंख में धुल झोक कर आधे अधूरे कानून का पालन कर रहे है, जिसे लेकर हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले है, और किसी भी हल में हम इस विनाशकारी बंदरगाह को नही बनने देंगे| उन्हों ने कहा की इस वाढवण बंदरगाह से उनका व्यवसाय पूरी तरह से नष्ट हो जायेंगे। उनकी जमीने इस विशालकाय पोर्ट के लिए अधिग्रहित कर ली जाएँगी। जिसके चलते उन्हें विस्तापित होने की नौबत आन पड़ेगी। हजारों मछुवारों का मछली पकड़ने का पूरा व्यवसाय खत्म हो जायेगा औए समुंद्र में वह मछलियां नही पकड सकेंगे जिसके कारण वेरोजगार हो जाएगें |
इस जनसुनवाई में भीड़ जुटाने के लिए नेताओं द्वारा लाये गाये दुसरे राज्यों के लोगों लेकर स्थानीय लोगों ने हंगामा करते उन्हें जनसुनवाई में नहीं शामिल होने दिया | उनका कहना था की हमारे घरों पर बुलटोजर चलेगा फिर इस जनसुनवाई में परप्रारंतियो को क्यों बुलाया गया है|वाढवण बंदरगाह बनाने के लिए यह सत्ताधारी पार्टियों की यह चाल है, इस लिए इन्हें बंदरगाह के समर्थन में बुलाया गया है |
इस जनसुनवाई में बड़े हंगामे को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था क्योकि इस जनसुनवाई को नहीं होने देने की मछुवारों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी थी | इसके लिए पुरे महाराष्ट्र से पुलिस बल को बुलाया गया था |