नई दिल्ली । जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) ने मंगलवार को बिहार में महागठबंधन (grand alliance)और इंडिया गठबंधन के घटक दलों (constituent parties)के बीच किसी भी तनावपूर्ण संबंधों को खारिज कर दिया। लेकिन यह कहके सियासी पारा बढ़ा दिया कि 30 जनवरी को पूर्णिया में होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का कार्यक्रम इंडिया गठबंधन के बैनर तले होना चाहिए, ना कि कांग्रेस के बैनर तले। इस बात की संभावना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, “हमारा मुख्य ध्यान बुधवार को कर्पूरी ठाकुर शताब्दी समारोह की शानदार सफलता सुनिश्चित करना है। लोगों को हमारे गठबंधन के बारे में अटकलें लगाना बंद करना चाहिए।” राहुल गांधी की यात्रा पर उन्होंने कहा, “अगर 30 जनवरी की की यात्रा कांग्रेस की नहीं, बल्कि इंडिया गटबंधन के बैनर के तले होती तो यह हमारी एकता के बारे में एक बहुत अच्छा संदेश देती।” केसी त्यागी ने आगे कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि सहयोगी दल राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल हों या नहीं। जिला से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक इंडिया गठबंधन की संयुक्त बैठकें आयोजित करना महत्वपूर्ण है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए बेहतर ढंग से तैयार दिख रहा है? इस सवाल के जवाब में केसी त्यागी ने कहा, “भाजपा बेहतर ढंग से तैयार दिख रही है, भले ही उन्होंने भी सीटों का बंटवारा नहीं किया है। वे अयोध्या राम मंदिर निर्माण की लहर को भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा को यह समझना चाहिए कि राम भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक लोकाचार का प्रतिनिधित्व करते हैं और किसी पार्टी या विचारधारा से संबंधित नहीं हैं।”
जेडीयू का स्पष्टीकरण कि बिहार में महागठबंधन या इंडिया गठबंधन में किसी भी दरार का कोई संकेत नहीं है। उनका यह बयान नीतीश कुमार और बिहार के राज्यपाल आर वी आर्लेकर की मुलाकात के बाद सामने आया है। इस मुलाकात के बाद यह चर्चा शुरू हो गई कि सब कुछ ठीक नहीं है। राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ नीतीश ने अर्लेकर के साथ 40 मिनट से अधिक समय तक चर्चा की। बाद में दिन में सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि सीएम ने छह विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की लंबित नियुक्तियों पर चर्चा करने के लिए राज्यपाल से मुलाकात की। राज्यपाल विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति होते हैं।
राजद के सूत्रों ने कहा कि वे विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से क्या कहा और लिखा जा रहा है इसके बारे में बहुत चिंतित नहीं हैं। राजद के एक नेता ने कहा, ”हम निश्चित रूप से जानते हैं कि महागठबंधन बरकरार है। हम सीट शोयरिंग की वार्ता के भी उन्नत चरण में हैं। सीट बंटवारे के बारे में भी एनडीए से पूछना चाहिए।” यह पूछे जाने पर कि क्या एक साथ चुनाव के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की ओर से राजद पर कोई दबाव है, पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने यह इच्छा व्यक्त की थी लेकिन हमारी पार्टी इसके पक्ष में नहीं है।