Tuesday, November 26, 2024
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हिमाचल की परफ्यूम फैक्ट्री में आग लगने से 5 की मौत, 13 लोग लापता और 33 घायल

सोलन। हिमाचल प्रदेश के बद्दी में कॉस्मेटिक-परफ्यूम बनाने वाली एनआर अरोमा फैक्ट्री में लगी आग पर शनिवार को 22 घंटे बाद काबू पा लिया गया। एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू के लिए क्रेन के जरिए तीसरी मंजिल पर गई। बिल्डिंग के अंदर से अब तक 4 डेडबॉडी रिकवर हो चुकी हैं। इसके बाद मरने वालों की संख्या 5 हो गई है। बीते शुक्रवार को एक महिला की मौत हुई थी। इस हादसे में 33 लोग घायल हुए हैं। वहीं, 13 लोग लापता हैं तो 41 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में आग शुक्रवार दोपहर करीब 1.40 बजे लगी थी।

अग्निकांड में 33 से ज्यादा कर्मचारी घायल

आग से झुलसने व छत से कूदने के कारण 33 से अधिक कर्मचारी घायल गए हैं, जबकि 20 कर्मचारी सुरक्षित हैं। धुएं और आग के गुब्बार के बीच जान बचाने के लिए छत पर चढ़े कर्मचारी इधर-उधर भागते रहे और इसी बीच कई लोग चार मंजिला इस भवन की छत से कूदते दिखे। शुक्रवार दोपहर बाद हुई इस घटना से जुड़े कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होते रहे। एक वीडियो में आग का गोला बने इस भवन की छत से एक महिला छलांग लगाती दिखी।

उद्योग मैनेजर और ठेकेदार से पूछताछ

मौके पर डीजीपी संजय कुंडू सहित जिला सोलन के अधिकतर आला अफसर पहुंच गए थे। इस हादसे में उद्योग मैनेजर के अलावा पुलिस ने उद्योग में मजदूर देने वाले ठेकेदारों को भी पिछले शुक्रवार से ही थाने में तलब किया हुआ है। उनसे लगातार पुलिस पूछताछ कर रही है और गायब चल रहे कर्मियों की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने अज्ञात लोगों पर ही मामला दर्ज किया।

अग्निकांड के दौरान मौजूद थे 100 कर्मचारी

बताया जा रहा है कि जब आग लगी तब अंदर करीब 100 कर्मचारी मौजूद थे। इनमें अधिकतर महिलाएं हैं और उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। चार मंजिला भवन में आग कैसे लगी इसका पता नहीं चल पाया है। उद्योग के अंदर आग लपटें होने के कारण बचाव टीमें अंदर नहीं जा पाई थीं।

रसायन के कारण हुआ धमाका

रसायन के कारण फैक्ट्री परिसर में कई धमाके हुए। उद्योग प्रबंधकों ने अग्निशमन विभाग को सूचना दी। अग्निशमन विभाग व पुलिस टीम के साथ एंबुलेंस मौके पर पहुंची। तब तक पूरी फैक्ट्री से लपटें उठ रही थीं। रसायन में लगी आग बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग के पास यंत्र नहीं थे। इस तरह की आग पर काबू पाने के लिए फोमनुमा स्प्रे चाहिए होता है। अग्निशमन विभाग के कर्मचारी काफी समय तक पानी डालते रहे।

जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से कूदे

कर्मचारी कर्मचारी लंच ब्रेक के बाद काम पर लौट रहे थे। फैक्ट्री में सबसे पहले धरातल मंजिल पर आग लगी। धुएं से कर्मचारियों का दम घुटने लगा तो छत पर चढ़ गए। प्रयोग होने वाले रसायन के कारण कुछ ही समय में आग पूरी फैक्ट्री में फैल गई। कुछ महिला कर्मचारियों ने चौथी मंजिल की छत से पहले तीसरी, फिर दूसरी व पहली मंजिल से छलांग लगाकर जान बचाई। सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए थे, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस को बैरिकेड लगाने पड़े थे।

परफ्यूम में प्रयोग होता है रसायन एनआर

अरोमा फैक्ट्री में कई कंपनियों के परफ्यूम बनाए जाते हैं। परफ्यूम बनाने में ज्वलनशील रसायन का प्रयोग होता है। उद्योग की धरातल मंजिल में कई ड्रम में रसायन रखा हुआ था। जैसे ही आग रसायन तक पहुंची धमाकों के साथ तेजी से फैली। धुएं का गुब्बार कई किलोमीटर तक आसमान में फैल गया। फैक्ट्री से निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता होने के कारण कर्मचारी को निकलने में दिक्कत आई।

दोषियों के विरुद्ध होगी सख्त कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने घायलों का हाल जानने के बाद कहा कि मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। कंपनी के लेबर कांट्रेक्टर ने बताया कि उसके पास काम करने वाली चार लड़कियों का पता नहीं चला है। लापता 11 लोगों में अधिकतर महिलाएं हैं।

रोज की तरह सभी कर्मचारी पहुंचे थे कंपनी

घायल खुशबू ने बताया कि शुक्रवार सुबह प्रतिदिन की तरह सभी कर्मचारी उद्योग में पहुंचे थे। दोपहर के भोजन के लिए सभी कर्मचारी एक बजे चले जाते हैं और करीब सवा एक बजे वापस आते हैं। मेरे साथ कुछ कर्मचारी थीं, जैसे ही प्रोडक्शन हाल में प्रथम तल पर पहुंचीं तो हल्की दुर्गंध आई। तीसरी मंजिल पर टीन का शेड था, लेकिन वहां जाने का कोई रास्ता नहीं था। तब तक अंदर धुआं ही धुआं हो गया था। कुछ ही मिनटों में हर तरफ आग की लपटें थी। अफरा-तफरी में कुछ कर्मचारियों ने नीचे छलांग लगा दी। नीचे की मंजिलों में भयंकर आग लगी थी तो मेरे सामने भी खिड़की से कूदने का ही विकल्प था। तीसरी मंजिल से मैंने छलांग लगाई थी। कुछ कर्मचारियों ने दूसरी मंजिल से छलांग लगाई थी। बाद में पता चला कि कुछ कर्मचारी छत पर भी फंस गए थे। यह भीषण अग्निकांड जहां बद्दी के उद्योग जगत को एक त्रासदी के रुप में याद रहेगा, वहीं जिन महिला कर्मचारियों ने भवन से छलांग लगाई, उनमें अधिकांश शारीरिक रूप से अक्षम हो सकती हैं। खुशबू चलने-फिरने में असमर्थ है। राजकुमारी के कूल्हे में गंभीर चोट है। एक अन्य महिला भी चलने-फिरने में असमर्थ है।

ठेकेदार के पास करते हैं काम
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में अधिकतर कर्मचारी ठेकेदार के अधीन काम करते हैं। यहां पर सवाल यह है कि उद्योग प्रबंधन ने इतने कर्मचारी ठेकेदार के अधीन क्यों रखे हुए हैं। दूसरी तरफ अग्निशमन विभाग के अनापत्ति पत्र पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि इतने ज्वलनशील पदार्थ को बिना पर्याप्त उपकरणों के लाइसेंस कैसे दे दिया।

ईएसआई अस्पताल काठा में छह कर्मचारी भर्ती

मीरा, शिव कुमार, प्रेमलता, अर्चना, ममता, हरीश चंद्र ईएसआई अस्पताल काठा, ब्रूकलिन अस्पताल बद्दी में 19 कर्मचारी भर्ती हैं। ब्रूकलिन अस्पताल में अनिता, आशा, दीप शिखा, ममता, अनिल, राज कुमार, टीना, पुष्पा, कश्मीरी, पूजा, अंशु, सावित्री, चरण सिंह, पिंकी, सत्येंद्रा, खुशबू, कंचन, तारावती, सावित्री, राम मूर्ति, क्रांति भर्ती हैं। आरती, गीता, प्रेम कुमारी को पीजीआई रेफर किया है।

ये लोग हुए हैं घायल

घायलों में अधिकतर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनमें अनिता पत्नी मोहन गांव मुंडियां सतासी तहसील बसोली जिला बदायूं, आशा पत्नी राकेश गांव रिश्वा तहसील महीपुरा जिला छतरपुर, कश्मीरी पत्नी हीरा सिंह गांव रवोकडे जिला मुरादाबाद, पूजा पत्नी उमा शंकर गांव भगवंतपुर जिला बरेली, अंशु पुत्री सूरज पाल गांव बिछपुरी जिला संभल, सावित्री पुत्री अमित गांव मनु नगर, डाकखाना आशापुर जिला बदायूं, सत्येंद्र पुत्र मितराज डाकखाना नंगला पूर्वा तहसील चंदौसी जिला संभल, खुशबु पुत्री विष्णु गोपाल गांव बिरौली जिला बंदायूं, कंचन पत्नी वीरपाल गांव खटेता तहसील चंदौसी जिला संभल की हैं। साथ ही तारावती पत्नी शाम सिंह डाकखाना दया जिला संभल, सावित्री पत्नी सत्येंद्र गांव खटेर गांव चंदौसी जिला संभल, राम मूर्ति पत्नी दिनेश गांव आशापुर जिला बदायूं, क्रांति पुत्री रामपाल तहसील बिसौली जिला बदायूं, राज कुमारी पत्नी धर्मेंद्र तहसील चंदौसी जिला संभल, मीरा, शिव कुमार, प्रेम लता, अर्चना, ममता पत्नी मुन्नालाल तहसील फरीदपुर जिला बरेली (सभी उत्तर प्रदेश), हरीश चंद्र, पुष्पा पुत्री नन्द किशोर गांव घुमारिवाला जिला शिवहर (बिहार), ममता, अनिल, राज कुमार, स्लेसटीना गांव ढोल बडाली जिला पौड़ी उत्तराखंड व दीप शिखा पुत्री बलवंत सिंह गांव बादन तहसील धारकलां जिला पठानकोट पंजाब शामिल हैं।

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