वाशिंगटन । अमेरिका ने जॉर्डन में ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के जवाब में इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया के खिलाफ कई हवाई हमले किए। अमेरिका ने कहा है कि ये केवल पहला जवाबी हमला था और इसके बाद और भी हमले होंगे।
ये हमले ईरान समर्थित समूह के ड्रोन हमले में मारे गए तीन अमेरिकी कर्मियों के शवों के अमेरिका आने के बाद किए गए। राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन अपने गृह राज्य डेलावेयर में एक सैन्य अड्डे पर पीडि़त परिवारों के साथ मिले और उन्हें सांत्वना दी।
हमारी प्रतिक्रिया शुरु हुई पसंद के समय तक जारी रहेंगी
बाइडेन ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा, “आज दोपहर, मेरे निर्देश पर, अमेरिकी सैन्य बलों ने इराक और सीरिया में उन ठिकानों पर हमला किया, जिनका इस्तेमाल आईआरजीसी और संबद्ध मिलिशिया अमेरिकी बलों पर हमला करने के लिए करते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी प्रतिक्रिया आज शुरू हुई। यह हमारी पसंद के समय और स्थानों पर जारी रहेगी।
अतिरिक्त कार्रवाई का निर्देश
अमेरिकी राष्ट्रपति, जिन पर ईरान पर हमला करने के लिए आंतरिक रूप से दबाव बढ़ रहा है, ने यह नहीं बताया कि शुक्रवार के हवाई हमलों में ईरान के लक्ष्य शामिल क्यों नहीं थे। रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने एक अलग बयान में कहा, “यह हमारी प्रतिक्रिया की शुरुआत है। राष्ट्रपति ने आईआरजीसी और संबद्ध मिलिशिया को अमेरिका और गठबंधन बलों पर उनके हमलों के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए अतिरिक्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
सेंट्रल कमांड ने 85 लक्ष्यों को निशाना बनाया
जवाबी हमले करने वाली अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने एक बयान में कहा कि 85 लक्ष्यों को निशाना बनाया गया। अमेरिका ने लंबी दूरी के बी-1 बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया। मध्य कमान ने कहा कि जिन पर हमला किया गया, उनमें कमांड और नियंत्रण संचालन केंद्र, खुफिया केंद्र, रॉकेट, मिसाइल, मानव रहित हवाई वाहन भंडारण, और मिलिशिया समूहों व उनके आईआरजीसी प्रायोजकों की रसद और गोला-बारूद के केंद्र शामिल हैं।