नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अवेयरनेस नहीं आई तो 2050 तक कैंसर से लाशें बिछ जाएंगी। बता दें कि देश और दुनिया में कैंसर के मामले तेज गति से बढ़ रहे हैं। कैंसर कितना खतरनाक होता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें न केवल जान जाती है, बल्कि जीवनभर की जमापूंजी भी खत्म हो जाती है।
जानकारी बताते हैं कि केवल भारत में ही कैंसर से मरने वालों की संख्या लाखों में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2022 में भारत में कैंसर के 14.1 लाख से अधिक नये मामले सामने आए और इस रोग के कारण 9.1 लाख से अधिक मौतें हुईं। वहीं, अब डब्ल्यूएचओ ने चेताया है कि साल 2050 तक दुनिया भर में कैंसर के मामलों में 77 फीसदी बढ़ोतरी होगी और इस खतरनाक बीमारी के सालाना मामले 35 मिलियन पहुंच जाएंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने कैंसर केसों की इस चिंताजनक वृद्धि के लिए लोगों की जीवनशैली और बिगड़ते पर्यावरण के हालात को जिम्मेवार ठहराया है। कैंसर पर शोध करने वाली एजेंसी ने कैंसर के लिए तंबाकू, शराब, मोटापा और वायु प्रदूषण को प्रमुख कारक माना है। डब्ल्यूएचओ ने 115 देशों से सर्वे नतीजों को सामने लाते हुए कहा कि अधिकांश देश सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के हिस्से के रूप में कैंसर और इस रोग के कारण होने वाले दर्द से संबंधित देखभाल सेवाओं को पर्याप्त रूप से वित्तपोषित नहीं करते हैं।
कैंसर पर शोध के लिए आईएआरएसी के अनुमानों के अनुसार पुरुषों में होंठ, मुंह और फेफड़े का कैंसर सबसे आम था, जो नये मामलों का क्रमश: 15.6 प्रतिशत और 8.5 फीसदी है। वहीं, महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर सबसे आम थे। नये मामलों में इनकी हिस्सेदारी भी क्रमश: 27 और 18 फीसदी थी।