देहरादून । उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने रविवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी, जिससे उसे सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में विधेयक के रूप में रखे जाने का रास्ता साफ हो गया।
यहां आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी के मसौदे का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसे देखने के बाद उसे विधानसभा के पटल पर विधेयक के रूप में रखे जाने को मंजूरी दे दी गई। चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था। यूसीसी को पारित कराने के लिए सोमवार से विधानसभा का सत्र बुलाया गया है। सूत्रों ने बताया कि छह फरवरी को विधानसभा में यूसीसी पर विधेयक पेश किया जाएगा।
यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था। उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी। कानून बनने के बाद उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए एक समान विवाह, तलाक, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू होंगे चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।