नई दिल्ली । देश में जल्द ही आम चुनाव होने वाले हैं और इसी को देखते हुए प्रचार-प्रसार का दौर भी शुरू हो चुका है. इसी बीच चुनाव आयोग ने एक बड़ा आदेश देते हुए यह कहा है कि किसी भी तरह के चुनाव प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल ना किया जाए।
चुनाव आयोग ने क्या कहा
आने वाले आम चुनावों की तैयारी में हर पार्टी व्यस्त है. ऐसे में प्रचार-प्रसार का सिलसिला भी जोरों-शोरों से चलने वाला है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने बच्चों को किसी भी तरह के चुनाव प्रचार में शामिल करने से मना किया है. चुनाव आयोग के मुताबिक, राजनीतिक दलों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि वो किसी भी चुनाव में बच्चों को शामिल नहीं करें. साथ ही रैलियों, नारे लगाने, पोस्टर वितरित करने सहित अभियान से बच्चों को दूर रखा जाए. इसके अलावा चुनाव प्रचार या रैलियों के दौरान राजनीतिक नेताओं और उम्मीदवारों को अपने वाहन में बच्चे को गोद में रखने या ले जाने की भी अनुमति नहीं होगी।
माता-पिता के साथ जा सकते हैं बच्चे
चुनाव आयोग ने बच्चों के किसी और तरीके के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया है. हालांकि, अपने माता-पिता के साथ मौजूदगी को बच्चों के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. बच्चों द्वारा कविता पाठन, उनके द्वारा किसी पार्टी को लेकर बोले गए शब्द हो या फिर किसी भी राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार के प्रतीक चिन्ह का प्रदर्शन शामिल हो, यह सब मना है।
आयोग का सख्त आदेश
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयोग के प्रमुख हितधारकों के रूप में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर लगातार जोर दिया है, और उनसे लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह किया है, खासकर आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर इन आदेशों का पालन करने की बात कही है।