वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस बाबत अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट आज अहम सुनवाई होने वाली है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट आज पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 2024 के मतदान पर बने रहने की अपील पर सुनवाई करेगा।
अदालत इस बात पर बहस करेगी, कि क्या डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 के चुनाव में हेराफेरी करने के लिए असंवैधानिक कदम उठाए थे, जिसकी वजह से 6 जनवरी 2021 को यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर हमला किया गया था और क्या इस वजह से डोनाल्ड ट्रंप के पास फिर से सार्वजनिक पद पर बैठने का अधिकार नहीं होगा।
डोनाल्ड ट्रंप की किस्मत पर फैसला आज
अगर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट डोनाल्ड ड्रंप के खिलाफ फैसला सुनाता है, तो फिर भारतीय मूल की निक्की हेली की किस्मत खुल सकती है और फिर रिपब्लिकन पार्टी में वो एकमंत्रा उम्मीदवार बचेंगी, लिहाजा उनके टिकट मिलने की संभावना सबसे ज्यादा हो जाएगी।
यह मामला पहली बार दर्शाता है, कि न्यायाधीश एक संवैधानिक प्रावधान पर विचार करेंगे, जिसे गृहयुद्ध के बाद “विद्रोह में शामिल” पूर्व पदाधिकारियों को फिर से पद संभालने से रोकने के लिए अपनाया गया था। यह ठीक उसी प्रकार का मामला स्थापित करता है, जिससे अदालत बचना पसंद करती है, जिसमें वह राजनीतिक विवाद का अंतिम मध्यस्थ होता है।
इससे पहले कोलोराडो राज्य के सुप्रीम कोर्ट (भारत में जैसे हाईकोर्ट) ने फैसला सुनाया था, कि डोनाल्ड ट्रम्प ने देश की राजधानी में दंगा भड़काया और वह फिर से राष्ट्रपति बनने के लिए अयोग्य हैं। परिणामस्वरूप, उन्हें 5 मार्च को राज्य के प्राथमिक चुनाव में शामिल नहीं होना चाहिए।
कोलोराडो कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप को कोलोराडो राज्य में चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है और आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला तय करेगा, कि डोनाल्ड ट्रंप चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
यह पहली बार था कि 14वें संशोधन की धारा 3 को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर लागू किया गया था।
कोलोराडो के बाद मेन राज्य ने भी डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी थी।
कोलोराडो की सर्वोच्च अदालत ने एक जिला अदालत के न्यायाधीश के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप को कैपिटल हिल हिंसा के लिए उकसाने का दोषी करार दिया गया था, लेकिन निचली अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई थी। निचली अदालत ने कहा था, कि डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है।
अगर कोलोराडो कोर्ट के फैसले को बरकरार रखने का फैसला अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की लेता है, तो इसका मतलब ये होगा, कि डोनाल्ड ट्रम्प विद्रोह में शामिल थे और 14 वें संशोधन द्वारा उन्हें फिर से राष्ट्रपति पद संभालने से रोक दिया जाएगा। इससे राज्यों को उन्हें मतदान से दूर रखने और उनके अभियान को खत्म करने की अनुमति मिल जाएगी।
अमेरिकी अदालत ने संकेत दिया है, कि वह शीघ्रता से कार्रवाई करने की कोशिश करेगी, जिससे लिखित ब्रीफिंग प्राप्त करने और अदालत कक्ष में बहस करने की अवधि नाटकीय रूप से कम हो जाएगी।
डोनाल्ड ट्रंप को लेकर आज होने वाली सुनवाई के अलावा, इस साल अप्रैल में, सुप्रीम कोर्ट कैपिटल दंगे में आरोपित 1,200 से ज्यादा लोगों में से एक की अपील पर भी सुनवाई करेगी। यह मामला अभियोजकों द्वारा ट्रम्प सहित 300 से ज्यादा लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोप को उलट सकता है।