नई दिल्ली । पाकिस्तान में चुनाव हुए 75 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर पाकिस्तान का अगला वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) कौन बनेगा? पाकिस्तान के मुस्तकबिल का चिराग कौन जलाएगा?
पाकिस्तान को गरीबी-भुखमरी और तंगहाली से कौन बाहर निकालेगा? पाकिस्तान एक बार फिर अपना इतिहास दोहरा रहा है. पाकिस्तान उस दोराहे पर खड़ा है, जहां एक बार फिर लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. प्रदर्शन हो रहे हैं. गिरफ्तारियां हो रही हैं।
लेकिन इस बीच पाकिस्तान की अवाम की नजर में वो शख्स हीरो बनकर उभरा है, जिसे सिर्फ 10 महीने पहले घसीटकर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया था. वो है पीटीआई के चेयरमैन और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान।
पिछले साल 9 मई को इमरान को सरेआम सड़क पर घसीटकर इस तरह गाड़ी में ठूंसकर जेल में डाल दिया गया था. कई अलग-अलग मामलों में सजा सुना दी गई. चुनाव से ठीक 5 दिन पहले 3 अलग-अलग केस में 31 साल की सजा हो गई. चुनाव आयोग ने इमरान खान से इलेक्शन सिंबल बैट भी छीन लिया, लेकिन फिर भी 2024 के चुनाव में पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पीटीआई समर्थक उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं हैं. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के जरिए पीटीआई ने इमरान की आवाज को चेहरे के साथ मिलाकर वीडियो जारी किया है और जीत के लिए मुबारकबाद दी है।
पाकिस्तान में पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी
पाकिस्तान की कुल 264 सीटों में से पीटीआई (इमरान समर्थक) को 93, पीएमएल-एन (नवाज शरीफ) को 74, पीपीपी (पी) (बिलावल भुट्टो) को 54, जेयूआई (एफ) (फजलुर रहमान) को 04 , एमक्यूएमएम-पी (खालिद मकबूल) को 18 और अन्य 20 सीटें मिली हैं. यानी इमरान के जेल में रहते हुए भी उनके समर्थक निर्दलीय विधायकों ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी कहते हैं कि अगर इमरान को सरकार बनाने से रोका गया तो पाकिस्तान में बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा. पीटीआई ने अदालतों का सहारा लेकर इस सारे प्रोसेस को जो मिलकर सरकार बनाने की कोशिश हो रही है. उसको रोकने की कोशिश की, तो घोर संकट की स्थिति बन जाएगी।
पाकिस्तान में किसकी बनेगी सरकार? क्या हैं विकल्प
आखिर पाकिस्तान में सरकार कैसे बनेगी, क्योंकि पूर्ण बहुमत किसी भी पार्टी को हासिल नहीं हुआ है. ऐसे में दो विकल्प हैं. पहला विकल्प है कि पीएमएल-एन के 74 सीटों, पीपीपी (पी) के 54 सीटों और एमक्यूएमएम-पी (खालिद मकबूल) के 18 सीटों को मिलकार कुल 146 होता है और नवाज शरीफ की सरकार बन सकती है. इसके बाद इमरान पर शिकंजा और कसेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार नवाज शरीफ की पार्टी और MQM साथ मिलकर काम करने पर सहमत हो गए हैं. MQM का डेलीगेशन सरकार बनाने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए लाहौर पहुंचा है. नेताओं का स्वागत खुद शाहबाज शरीफ और नवाज शरीफ ने किया है।
दूसरा विकल्प है कि पीटीआई समर्थित 99 और पीपीपी समर्थित 54 कुल सीटें 147 होती है. इस सरकार के बनने पर इमरान खान को कई केस में राहत मिल सकती है. नवाज शरीफ को फिर पाकिस्तान छोड़ना पड़ सकता है।
पाकिस्तान में धांधली के खिलाफ प्रदर्शन
एक तरफ पाकिस्तान में नई सरकार बनाने का बड़ा संकट है तो वहीं इमरान के समर्थकों ने धांधली के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. इमरान के सैकड़ों समर्थकों ने चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया. कई लोगों की गिरफ्तारियां हुईं. वहीं चुनाव में धांधली के खिलाफ प्रदर्शन करने पर NA-119 सीट के PTI समर्थक उम्मीदवार शहजाद फारूक को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया.. शहजाद ने इस सीट से मरियम नवाज के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
इमरान समर्थकों ने लाहौर के लिबर्टी चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनों करने के खिलाफ 300 PTI कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है.इसमें दो PTI समर्थित उम्मीदवार भी शामिल हैं. इसके अलावा न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर तक इमरान समर्थकों की गूंज सुनाई दी. PTI ने धांधली के खिलाफ ब्रिटेन के मैनचेस्टर और अमेरिका के वॉशिंगटन के लोगों से भी विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है. तो वहीं पीटीआई के नए चेयरमैन गौहर खान को भी शांति की अपील की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ KPK में सरकार बनाएगी।
नवाज शरीफ पर चुनाव में दखलदांजी करने का आरोप
दूसरी ओर, पाकिस्तान में हर तरफ यही चर्चा है कि नवाज शरीफ ने अपने पद और रसूख से चुनाव में दखलअंदाजी की है. आर्मी ने इन चुनावों को प्रभावित किया है. तो वहीं कई बूथ पर सेना के कर्नल तक देखे गए. इमरान के समर्थक नेताओं का तो यही आरोप है. दूसरी ओर, अब इमरान की पार्टी PTI नेशनल असेंबली की 6 सीटों के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. इमरान के घर के बाहर भारी फोर्स तैनात कर दी गई है. घर के गेट को सील कर दिया गया है.. लाहौर के जमां पार्क के पास भारी पुलिसबल तैनात है।
पाकिस्तान की आर्मी जिसे चाहती है, वह बैठता है गद्दी पर
दूसरी ओर, पाकिस्तान में कहा जाता है कि मुल्क की गद्दी पर वही बैठता है जिसे पाकिस्तान की आर्मी चाहती है. पाक आर्मी से बगावत करते कोई भी पाकिस्तान का वजीर-ए-आज़म नहीं बन सकता है. यही वजह है कि पाकिस्तान का इतिहास कहता है कि आज तक सिर्फ एक ही बार पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री ने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है. कभी तख्तापलट कर दिया गया, तो कभी प्रधानमंत्री को जेल में ही डाल दिया गया और इस बार चुनाव में भी पाकिस्तानी आर्मी का पूरा दखल दिखाई दिया।
इमरान सहित पीटीआई के कैदियों की रिहाई की मांग
वहीं, PTI चेयरमैन गौहर खान ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर से मांग की है कि वो इमरान समेत PTI के राजनीतिक कैदियों को रिहा करें, क्योंकि आने वाले कुछ घंटे पाकिस्तान के मुस्तकबिल के लिए बहुत मायने रखने वाले होंगे. चुनाव आयोग पर जबरदस्त दबाव है. राष्ट्रपति पर भी बहुत प्रेशर है. आखिर पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए किसे चुना जाएगा. उसे जिसे सबसे ज्यादा सीटें नहीं मिली हैं या फिर उसे जिसने जेल के अंदर से ही हुंकार भरकर पार्टी सिंबल खत्म हो जाने के बावजूद अपने समर्थन वाले विधायकों को जिता दिया।