नई दिल्ली। इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति को क्लाउडटेल और अमेजन की डील से 915 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था। इस डील से उन्हें अपने इनवेस्टमेंट पर लगभग तीन गुना मुनाफा हुआ था। यह डील मूर्ति परिवार की इनवेस्टमेंट कंपनी कैटामारन (Catamaran) के जरिए की गई थी। कैटामारन ने ईकॉमर्स सेलर क्लाउडटेल में 76 फीसदी हिस्सेदारी लगभग 1332 करोड़ रुपये में बेचीं थी।
मूर्ति परिवार ने क्लाउडटेल में लगाए थे 417 करोड़ रुपये
कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग से जानकारी मिली है कि मूर्ति परिवार (Murthy Family) ने क्लाउडटेल में 417 करोड़ रुपये लगाए थे, जो कि 8 साल में 1332 करोड़ रुपये बन गए। इस तरह से नारायण और सुधा मूर्ति को इस डील से 915 करोड़ रुपये का फायदा हुआ। पिछले एक दशक में कैटामारन ने तेजी से तरक्की की है। कैटामारन ने क्लाउडटेल में यह हिस्सेदारी होबर मेलो ट्रस्ट के जरिए खरीदी थी। सुधा मूर्ति का इसमें 80 फीसदी हिस्सा था और बाकी का नारायण मूर्ति के पास।
इसी कंपनी के जरिए होती थी अमेजन पर 50 फीसदी सेल
क्लाउडटेल एक अमेजन और कैटामारन ज्वॉइंट वेंचर है। इसे 2014 में बनाया गया था। यह कंपनी अमेजन के ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मर्चेंट्स की ट्रेनिंग करती है। साथ ही उन्हें अमेजन से जोड़ने में भी मदद करती है। क्लाउडटेल ने तेजी से तरक्की की और जल्द ही अमेजन पर सबसे बड़ी मर्चेंट बन गई। एक समय में अमेजन पर लगभग 50 फीसदी सेल इसी कंपनी के जरिए ही होती थी। मगर, ईकॉमर्स कानून में आए बदलाव के चलते अमेजन को इसमें अपनी हिस्सेदारी कम करनी पड़ी।
मार्च, 2022 में 19 हजार करोड़ रुपये की सेल का आंकड़ा छुआ
क्लाउडटेल ने मार्च, 2022 में 19 हजार करोड़ रुपये की अधिकतम सेल का आंकड़ा टच किया था। एक साल बाद मार्च, 2023 में कंपनी की बिक्री सिर्फ 3100 करोड़ रुपये रह गई थी। कैटामारन को अमेजन के साथ हुए पार्टनरशिप एग्रीमेंट के तहत क्लाउडटेल के वित्त वर्ष 2022 के रेवेन्यू में से 20 फीसदी एग्जिट बोनस भी मिलना है।