नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ का उत्तरी इलाका सरगुजा संभाग के जंगल हमेशा हाथियों की पसंदीदा जगह रही है. यहां के जंगलों में हाथियों का लंबे समय से बसेरा है. हाथी कभी-कभी कभी भोजन पानी की तलाश में रिहायशी बस्तियों की ओर रुख करते हैं और जान माल को नुकसान पहुंचाते है।
वर्तमान में हाथियों का आतंक बलरामपुर में दिख रहा है. इसकी वजह से कलेक्टर ने यहां पांच स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।
रिहायशी क्षेत्र में हाथियों की आमद से दहशत में ग्रामीण
दरअसल, मामला वाड्रफनगर वनपरिक्षेत्र के ग्राम कनकेशा का है. यहां के जंगल में तीन हाथियों के दल ने डेरा जमाया हुआ है. गजराज की दस्तक के बाद यहां पांच स्कूलों को दो दिनों तक बंद कर दिया गया है, जिसमें तीन प्रायमरी और दो मिडिल स्कूल शामिल हैं. हाथियों का यह दल ग्रामीण क्षेत्रो में भी दस्तक दे रहा है. यही नहीं रिहायशी क्षेत्र में हाथियों की आमद से ग्रामीण दहशत में हैं. वहीं हाथियों ने तीन घरों को ढहाते हुए गेंहू और आलू की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है. हालांकि, वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है।
ग्रामीणों से की जा रही ये अपील
टीम हाथियों के आमद और रफ्तार पर नजर बनाए हुए है. इसके साथ ही ग्रामीणों से हाथियों के दल से दूरी बनाए रखने की अपील भी की जा रही है. इधर, रिहायशी क्षेत्र में हाथियों की आमद के बाद बलरामपुर कलेक्टर रिमिजियूस एक्का के निर्देश पर सुरक्षा के लिहाज से जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार राय ने ग्राम कनकेशा के प्रायमरी और मिडिल स्कूल, धनजरा के प्रायमरी और मिडिल स्कूल के साथ-साथ बेतरीपारा के प्रायमरी स्कूल को शुक्रवार-शनिवार दो दिनों के लिए बंद कर दिया है।
हाथियों का आतंक पहले की तरह ही बना रहता है तो स्कूल बंद रखने की अवधि बढ़ाई जा सकती है. फिलहाल, हाथियों के उग्र रवैए से ग्रामीण सहमे हुए है. वन विभाग हाथियों को रिहायशी इलाके से दूर खदेड़ने की कवायद ने जुटा है।