नई दिल्ली । मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया दीदी ने हाल ही में भारत-मालदीव के बीच हुए तनाव पर बातचीत की। दीदी ने कहा कि मालदीव गलत वजहों से भारत और खासकर वहां के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा में है।
मारिया दीदी ने भारत में मालदीव के नकारात्मक चित्रण पर भी चिंता जताई। मीडिया हाउस फर्स्टफोस्ट के डिफेंस समिट में मारिया ने कहा कि मालदीव के लोगों को विदेशियों को पसंद करते हैं और उनकी सराहना करते हैं। हम सभी लोगों को मालदीव आने का न्योता देते हैं।
हमें विदेशियों का हमारे देश में आना पसंद है
मारिया दीदी ने कहा, “मालदीव भारत में गलत कारणों से मशहूर रहा है, मैं कहूंगी कि खासकर सोशल मीडिया पर… हम ऐसे लोग नहीं हैं। हमें विदेशियों का हमारे देश में आना पसंद है और हम आप सभी का मालदीव में स्वागत करते हैं।”
दीदी ने मालदीव के अपेक्षाकृत छोटे आकार के बावजूद उसके रणनीतिक महत्व पर भी बता की। उन्होंने कि उनके देश मालदीव का क्षेत्रफल फ्रांस के बराबर का है जो कि लगभग 54,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, लेकिन इसके 99% क्षेत्र में पानी है।
मोहम्मद सोलिह की सरकार के दौरान मालदीव की रक्षा मंत्री थीं
दीदी ने मालदीव से होकर या उसके निकट से गुजरने वाली संचार की चार प्रमुख समुद्री लाइनों की उपस्थिति के कारण क्षेत्र में स्थिरता के महत्व पर जोर दिया। मारिया 2018 से 2023 तक मोहम्मद सोलिह की सरकार के दौरान मालदीव की रक्षा मंत्री थीं।
मारिया दीदी ने मालदीव में संकट के समय भारत द्वारा मिलने वाली त्वरित सहायता की सराहना की। मारिया ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मालदीव के अस्तित्व के लिए खतरा है। जब एशिया में सुनामी आई थी, तब हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। उस वक्त भारत पहला देश था जो हमारी मदद के लिए आगे आया था। इसके अलावा भारतीय सेना ने भी हमेशा हमारी मदद की है।
मारिया दीदी ने कहा कि आज मालदीव में चीनी जहाज मौजूद है। हम नहीं चाहते कि हम किसी ऐसी परिस्थिति में फंस जाए, जो हमें जंग में धकेल दे। दीदी ने उम्मीद जताई कि मालदीव अपने पड़ोसियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखना जारी रखेगा, जैसा कि उसने उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान किया था।