कीव। रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि रूस द्वारा आक्रमण शुरू करने के बाद गत दो वर्षों में 31,000 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं। हथियारों और गोला-बारूद की कमी से यूक्रेनी सेना अब अपनी धरती गंवा रही है और सैनिक मारे जा रहे हैं। रूस के साथ युद्ध में यह यूक्रेनी सेना की ताजा तस्वीर है। यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने पश्चिमी देशों से अविलंब सैन्य सहायता भेजने का अनुरोध किया है।
जेलेंस्की ने कीव में यूक्रेन वर्ष 2024 फोरम में कहा, इस युद्ध में 31,000 यूक्रेनी सैन्य कर्मी मारे गए हैं। 3,00,000 या 1,50,000 नहीं, वह नहीं जो पुतिन और उनके धोखेबाज मंडली ने झूठ बोला है। लेकिन फिर भी, इनमें से प्रत्येक का जान गंवाना हमारे लिए एक बड़ा बलिदान है। हालांकि, जेलेंस्की ने कहा कि वह घायल या लापता सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं करेंगे। रूस द्वारा यूक्रेन पर चौबीस फरवरी, 2022 को आक्रमण शुरू करने के बाद से यह पहली बार है कि कीव ने जान गंवाने वाले अपने सैनिकों की संख्या की पुष्टि की है।
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस पर यूक्रेन की विजय पश्चिमी देशों की सहायता पर निर्भर है। लंबी दूरी की मिसाइलों की यूक्रेन की मांग पूरी होने को लेकर वह आशान्वित हैं। उमेरोव ने कहा, पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता की आमद में विलंब होने का खामियाजा यूक्रेन युद्ध के मैदान में उठा रहा है। इससे हाल के दिनों में यूक्रेनी सेना का नुकसान बढ़ा है। युद्ध के मैदान की स्थिति तेजी से बदल रही है।
महीनों की लड़ाई के बाद हाल ही में यूक्रेन का रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अव्दीविका शहर रूसी सेना के कब्जे में चला गया है। उमेरोव का यह बयान तब आया है जब यूक्रेन युद्ध के दो वर्ष पूरे होने पर अमेरिका और यूरोपीय देशों ने उसके साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया है।