मुबंई। माइल्ड स्ट्रोक से रिकवरी की कोशिश में जुटे जेरोधा (Zerodha) के फाउंडर नितिन कामथ को मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। सीएस प्रमेश ने अहम सलाह दी है। उन्होंने नितिन कामथ समेत सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को कहा कि वे ‘रेंडम इन्फ्लुएंसर’ की सलाह पर ध्यान न दें। दरअसल, स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म और ट्रेडिंग ऐप जेरोधा के नितिन कामथ ने सोमवार को अपने माइल्ड स्ट्रोक के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर द्वारा नितिन कामथ को स्ट्रोक को लेकर कुछ सलाह दी गई।
बिना साइंस वाले इन्फ्लुएंसर के झांसे में न आएं
डॉ। प्रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की सलाह को री-पोस्ट करते हुए कहा- यह दिखाता है कि सोशल मीडिया जीवन के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।।।कृपया रेंडम सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की बातों को फॉलो न करें। ऐसे लोगों के पास अपने तर्क को मजबूत करने के लिए ‘मुझ पर विश्वास करो, भाई’ जैसे शब्द हैं लेकिन सही साइंस नहीं है। डॉ। प्रमेश ने एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “इसके समर्थन में कोई सही साइंस नहीं है। बिना साइंस बैकग्राउंड वाले इन्फ्लुएंसर के झांसे में न आएं।” डॉ। प्रमेश के मुताबिक आमतौर पर जब लोग सलाह देते हैं तो वे नेक इरादे वाले होते हैं। लेकिन बिना रिसर्च या जानकारी के सलाह देना खतरनाक है। एक्सपर्ट राय अधिक काम कर सकती है। ऐसे में सावधान रहें।
क्या हुआ है नितिन कामथ को
बीते सोमवार को नितिन कामथ ने बताया कि उन्हें लगभग 6 हफ्ते पहले ‘माइल्ड स्ट्रोक’ यानी दिल का दौरा आया था। नितिन कामथ ने ‘एक्स’ पर लिखा- लगभग 6 सप्ताह पहले मुझे अचानक ‘माइल्ड स्ट्रोक’ का एहसास हुआ। पिताजी का निधन, खराब नींद, थकावट, डिहाइड्रेशन और ज्यादा वर्कआउट, इनमें से कोई भी स्ट्रोक का संभावित कारण हो सकता है। कामथ ने बताया कि मेरा चेहरा झुका हुआ महसूस होता है और पढ़ने-लिखने में भी कठिनाई हो रही है। हालांकि, रिकवरी हो रही है और अरबपति कामथ को उम्मीद है कि वह 3-6 महीने के भीतर पूरी तरह ठीक हो जाएंगे।