मुबंई। देश की 18वीं लोकसभा के लिए जल्द ही वोटिंग होने वाली है। इस बार भी ईवीएम के जरिये नागरिक अपना सांसद चुनेंगे, लेकिन महाराष्ट्र में लोकसभा की वोटिंग ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर पर होने के आसार नजर आ रहे है।
महाराष्ट्र में 10% आरक्षण अलग प्रवर्ग से मिलने से मराठा समाज नाराज़ है ऐसे में एक गांव, एक लोकसभा उम्मीदवार का प्रस्ताव महाराष्ट्र के कई गांवों में पारित हो चुका है।
डीएम ने चुनाव अधिकारी को लिखा पत्र
महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के डीएम डॉ सचिन ओंबासे ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी एस चोक्कलिंगम को पत्र लिखकर बताया है कि नाराज मराठा समाज इस बार बड़ी संख्या में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर सकता है। ऐसे में ईवीएम की क्षमता से ज़्यादा नामांकन आने से ईवीएम से चुनाव लेना मुश्किल होगा। बैलेट पेपर से चुनाव लेने के लिए कम स्टाफ और बैलेट बॉक्स की कमी जैसी समस्या से गुजरना होगा।
बैलेट बॉक्स की होगी कमी
उम्मीदवारों की संख्या ज़्यादा होने से बैलेट पेपर भी उतना ही बड़ा होगा और बैलेट पेपर फोल्ड करने के बाद जब वो बैलेट बॉक्स में जाएगा तो ज़्यादा जगह ले लेगा। ऐसे में बैलेट बॉक्स की कमी हो सकती है। बैलेट बॉक्स की संख्या बढ़ने के बाद पोलिंग बूथ पर वोटिंग अधिकारी और कर्मचारी की संख्या और चुनाव का मैटेरियल पोलिंग बूथ पर भेजने और स्ट्रंग रूम में जमा करने के लिए अतिरिक्त गाड़ियों की जरूरत पड़ेगी। इतना ही नहीं, वोटिंग होने के बाद बैलेट बॉक्स रखने के लिए जगह भी कम पड़ेगी।
कितने उम्मीदवार होने पर बैलेट से होगा चुनाव?
अमूमन एक ईवीएम पर 16 उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह होता है। ज्यादा नामांकन आने पर इस ईवीएम को और 23 मशीनों से जोड़ा जा सकता है।यानी 384 उम्मीदवार होने तक ईवीएम से वोटिंग हो सकती है, लेकिन 384 से एक भी उम्मीदवार ज्यादा हुआ तो बैलेट ही एकमात्र विकल्प बचता है। मनोज जरांगे और मराठा समाज ने तय किया है कि इस बार एक लोकसभा क्षेत्र में 500 से भी ज्यादा उम्मीदवार उतारे जाएंगे।