पालघर:पालघर जिले के दौरे पर आए कांग्रेस के आदिवासी विकास मंत्री के.सी. पाड़वी ने मछली पकड़ने की बोट और ईट भट्टे पर काम करने वालें मजदूरों को बड़ी सौगात देने की बात कही है.मंत्री जी ने कहा कि जल्द ही इन मजदूरों को मछली पकड़ने की बोट और ईट भट्टे का मालिक बनाने के लिए सरकार योजना लाने जा रही है, जिसके बाद यह मजदूर भी मछली पकड़ने वाली बोट और ईट भट्टे का मालिक बन सकते है.
यह मजदूर सदियों से इन जगहों पर हमाली और मजदूरी करते आरहे है. इनके पास इतना पैसा नहीं है, की यह इन चीजो का मालिक बन सके . लेकिन अब सरकार इसके लिए योजना लाने की तैयारी कर रही है . ताकि इन योजनाओ का फायदा उठा कर यह मजदूर भी बोट और ईट भट्टे का मालिक बन सकें .
जनता दरबार में बिभिन्न समस्यों को सुना
आदिवासी विकास मंत्री के.सी. पाड़वी ने जानकारी देते हुए बताया की उन्हों पालघर कलेक्टर ऑफिस में जनता दरबार लगा अधिकारियों की मौजूदगी में आदिवासी विभाग की समस्याओं के साथ जिले की अन्य समस्याओं को सुना.और इन समस्याओं के हल के लिए अधिकारियों से उचित कदम उठाने कों कहा. कुछ समस्यायें सरकार स्तर की होने के कारण उन समस्याओं के हल लिए सरकार जल्द कदम उठाएगी.
कांग्रेस में जान फूंकने की कोशिश
पालघर जिले में कांग्रेस पार्टी के विस्तार और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए आदिवासी विकास मंत्री के.सी. पाड़वी ने कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उनके साथ चर्चा करतें हुए कांग्रेस में जान फूंकने की कोशिश की, ताकि आने आने वाले समय मे कांग्रेस एक मजबूत पक्ष बनकर पालघर जिले में उभर सके.इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्तिथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखने को मिला .
कम उम्र में शादी के कारण होता है कुपोषण
बिभिन्न समसयाओं पर सुनवाई के बाद मंत्री के.सी.पाड़वी ने कहा कुपोषण और बाल मृत्यु जिले की जटिल समस्याओं में से एक बड़ी समस्या है. यह समस्या अभी ख़त्म नहीं हुई है. निरिक्षण में हमें जानकारी मिली की इस समस्या का सबसे बड़ा मूल्य कारण कम उम्र में होनी वाली शादी है . जो उम्र लडकियों के शारीर के विकास के लिए होता है, उस उम्र में लडकियां माँ बन जाती है . जिसके कारण इस उम्र में न तो लडकियों का विकास हो पाता है , न ही उनके बच्चे का, जिसके कारण अधिकतर बच्चो की मौत हो जाती है ,य बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते है . इस लिए कुपोषण और बाल मृत्यु को रोकने के लिए सामाजिक ज्ञान का विस्तार कर कम उम्र में होने वाली शादियों पर प्रतिबंध लगाना जरुरी है.