तेहरान/ तेल अवीव। आखिरकार ईरान ने इजराइल पर हमला कर ही दिया। दो सौ से अधिक मिसाइल और ड्रोन दागे हैं। इजराइल का दावा है कि ईरान की तरफ से किए गए ज्यादातर मिसाइल और ड्रोन को इजराइल डिफेंस सिस्टम ने हवा में मार गिराया गया। इजराइल के डिफेंस फोर्स बेस को कुछ नुकसान पहुंचा है। उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने इजराइल पर ईरान के हमले के बाद लगातार बिगड़ती स्थिति को लेकर रविवार शाम 4 बजे आपातकालीन बैठक बुलाई है।
ईरान ने रविवार सुबह को 1800 किमी दूर इजराइल पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमले के बाद इसे जवाबी कार्रवाई बताया जा रहा है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के मुताबिक यह लक्षित निशाने के साथ किया गया हमला है।
1 अप्रैल को सीरिया में वाणिज्य दूतावास पर हमले के बाद ईरान ने बदला लेने की बात कही थी। हमले में सेना के एक शीर्ष कमांडर सहित 7 सैन्य अफसरों की मौत हुई थी। ईरान ने हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया था।
उधर, इजराइली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) की तरफ से कहा गया है कि 100 से ज्यादा ड्रोन छोड़े गए हैं और तमाम हमलों को रोका जा रहा है। इजराइल, लेबनान और इराक ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं। जबकि सीरिया और जॉर्डन ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को अलर्ट पर रख दिया है।
इजराइल के प्रधानमंत्री ने वॉर कैबिनेट की बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि उनका देश किसी भी स्थिति के लिए तैयार है चाहे रक्षात्मक हो या आक्रामक। नेतन्याहू ने कहा कि हमारा साथ देने के लिए अमेरिका के साथ-साथ वे ब्रिटेन, फ्रांस और कई अन्य देशों की सराहना करते हैं।
इजराइल पर ईरान के हमले पर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन इजराइल की सुरक्षा करने के लिए दृढ़ हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा इजराइल के लोगों के साथ खड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर व्हाइट हाउस में आपात बैठक की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी ईरान के हमलों की निंदा करते हुए कहा है कि ब्रिटेन, इजराइल और सभी अपने सभी क्षेत्रीय भागीदारों की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा।