Sunday, November 24, 2024
No menu items!

चीन से मोह भंग, भारतीय छात्र 23 हजार से घटकर रह गए 10 हजार

बीजिंग। चीन के साथ सीमा विवाद व कोविड संबंधी प्रतिबंधों के बीच भारतीय छात्रों ने चीन के विश्वविद्यालयों से किनारा कर लिया है। 2020 की शुरुआत में कोरोना के भीषण प्रकोप के समय चीनी विश्वविद्यालयों में 23 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे थे, जिनकी संख्या घटकर 10 हजार रह गई है।

चीन में विदेशी छात्रों में दूसरी सर्वाधिक संख्या भारतीयों की थी और सबसे ज्यादा पाकिस्तानी थे, जिनकी संख्या 28 हजार के करीब थी। ज्यादातर भारतीय छात्र चीन में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं। भारत में सरकारी मेडिकल संस्थानों में दाखिला पाने के लिए कड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है।

दूसरी तरफ चीन के निजी मेडिकल कॉलेज अत्यधिक फीस वसूलते हैं लेकिन दाखिले में दिक्कत नहीं होती। इसके कारण कोरोना से पहले चीनी विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा स्थान बन गए थे। जबकि चीन से मेडिकल करने वाले छात्रों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति के लिए विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा देनी होती है।

RELATED ARTICLES

Most Popular