नई दिल्ली। एडटेक फर्म और बायजू के ब्रांड पैरेंट थिंक एंड लर्न के राइट्स इश्यू पर आगे बढ़ने पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने रोक लगा दी है। जो कि 11 मई को शुरू हुआ था। जिससे यथास्थिति बनाए रखने की प्रक्रिया प्रभावी रूप से रुक गई है। एनसीएलटी ने निर्देश देते हुए यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है। एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने 12 जून को बायजू को आदेश में कहा है कि बायजू राइट्स इश्यू की पहली किश्त के अनुसार 2 मार्च को इक्विटी के आवंटन से पहले और बाद में अपने शेयरधारकों का पूरा विवरण जमा करे।
ट्रिब्यूनल से शिकायत करने वाले निवेशकों के मुताबिक, बायजू ने 11 मई को एक पत्र के जरिए दूसरा राइट्स इश्यू प्रस्तावित किया था जो 13 मई को खुला था और इसे 13 जून को बंद होना था। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा, कंपनी को इस प्रस्ताव के संबंध में दूसरे राइट्स इश्यू के खुलने के बाद से अब तक एकत्र की गई धनराशि को एक अलग खाते में रखने का निर्देश दिया जाता है, धनराशि का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जा सकता है, जब तक मामले में मुख्य याचिका की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है। चार निवेशकों के एक समूह – प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक एक्सवी- ने टाइगर और आउल वेंचर्स सहित अन्य शेयरधारकों के समर्थन के साथ, कंपनी प्रबंधन और राइट्स इश्यू के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया था।
इसलिए खराब हुई है बायजू की वित्तीय स्थिति
रवींद्रन ने दिसंबर, 2023 में कर्मचारियों को वेतन देने के लिए अपने घर के साथ परिवार वालों के घरों को भी गिरवी रखा था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बायजू के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई भी शुरू की थी। कंपनी पर 158 करोड़ के भुगतान चूक का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने 9,000 करोड़ से ज्यादा के फेमा उल्लंघन का नोटिस भी भेजा है। कंपनी की हालत इतनी खराब है कि गुरुग्राम ऑफिस का किराया नहीं देने की वजह से प्रॉपर्टी मालिक ने कर्मचारियों को बाहर कर दिया था। उनके लैपटॉप जब्त कर लिए थे।