नई दिल्ली। शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड आउटेज से दुनिया हैरान रह गई। दुनिया भर में कितने ही प्रकार के कामों पर ब्रेक लग गया। खास तौर पर बैंकिंग और उड़ान सेवाओं पर ज्यादा असर देखने को मिला। दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार माइक्रोसॉफ्ट को भी आउटेज के दौरान तगड़ा झटका लगा है। माइक्रोसॉफ्ट को आईटी सिस्टम क्रैश के बाद कुछ ही घंटों में 23 बिलियन डॉलर यानी 19.25 खरब रुपयों का नुकसान झेलना पड़ा। इसका असर दुनिया भर की कंपनियों तक देखा गया।
आईटी सिस्टम क्रैश होनी की वजह से टेक दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों की कीमत में 0.71 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस वजह से शेयर बाजार बंद होने तक कंपनी की कीमतों में लगभग 23 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। निवेश डेटा मंच स्टॉकलिटिक्स का विश्लेषण कहता है कि माइक्रोसॉफ्ट के एक शेयर की कीमत 19 जुलाई की सुबह 10.09 बजे तक 443.52 डॉलर थी। आईटी आउटेज होने की वजह से यह कीमत प्रति शेयर घटकर 440.37 डॉलर पर आ गई। वैश्विक बाजार में माइक्रोसॉफ्ट को एप्पल की तरह तकनीक दिग्गज कंपनियों की श्रेणी में रखा जाता है। आईटी आउटेज से पहले माइक्रोसॉफ्ट का कुल बाजार मूल्य 3.27 लाख करोड़ डॉलर था। अगर कंपनी के एक शेयर की कीमत में 0.1 फीसदी की भी कमी आती है, तो कंपनी को लगभग 3.33 बिलियन डॉलर (2.78 खरब रुपये) का नुकसान होता है।
स्टॉकलिटिक्स के एक प्रवक्ता ने कहा,माइक्रोसॉफ्ट तकनीक दिग्गजों में से एक कंपनी है। इतने बड़े आकार के आउटेज की वजह से दुनिया भर की कंपनियों पर असर पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक दिक्कत की वजह से माइक्रोसॉफ्ट के बाजार मूल्य पर भी असर पड़ा है। कुछ ही घंटों में कंपनी को 23 बिलियन डॉलर (19.25 खरब रुपये) का नुकसान झेलना पड़ा है। माइक्रोसॉफ्ट पर दुनियाभर की बड़ी कंपनियों को भरोसा है। इसलिए कंपनी को बहुत कम समय में इस नुकसान की भरपाई करनी होगी।