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अदाणी ग्रुप का बड़ा प्लान, एयरपोर्ट बिजनेस में 60 हजार करोड़ करेंगे निवेश, बनाया ये प्लान

नई दिल्‍ली । गौतम अडानी का पूरा कारोबार अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के कारण हुए नुकसान से बाहर आ गया है। इसके बाद से अदाणी ग्रुप लगातार नयी ऊंचाई पर पहुंच रहा है। अब गौतम अदाणी ने एयरपोर्ट बिजनेस में बड़ा निवेश का प्लान बनाया है।

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) के एमडी करण अदाणी ने बताया है कि अदाणी समूह अगले पांच से दस सालों में ₹60,000 करोड़ के साथ अपने पोर्टफोलियो में सात मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार करने की योजना बना रहा है। वहीं, अदाणी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स (AAHL) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण बंसल ने कहा कि अगले पांच सालों में एयरसाइड पर 30 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। जबकि, उसके अलावा अगले पांच से दस सालों में मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, गुवाहाटी, जयपुर और तिरुवनंतपुरम के हवाई अड्डों पर ‘सिटीसाइड’ पर 30 हजार करोड़ खर्च करने की योजना बनायी गयी है।

अदाणी करने लखनऊ ने नये टर्मिनल का विकास

करन अदाणी ने बताया कि उनके द्वारा निर्मित हवाई अड्डों की वर्तमान क्षमता 10-11 करोड़ यात्री सालाना (सीपीए) है। कंपनी की कोशिश इसको तीन गुना बढ़ाने की है। उन्होंने बताया लखनऊ एयरपोर्ट के नये टर्मिनल का विकास भी वो करने वाले हैं। साथ ही, नवी मुंबई एयरपोर्ट अगले साल मार्च तक खुलेगी। फिर गुवाहाटी एयरपोर्ट को नया टर्मिनल होगा। हम अहमदाबाद और जयपुर के लिए भी नए टर्मिनल की योजना बना रहे हैं। कुल मिलाकर, हम 2040 तक 25-30 सीपीए की संयुक्त क्षमता तक पहुंचने का प्लान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस ₹60,000 करोड़ के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में नवी मुंबई हवाई अड्डे के चरण- I विकास के लिए आवंटित ₹18,000 करोड़ शामिल नहीं हैं। उसके अतिरिक्त पैसों को खर्च किया जाना है।

कंपनी की प्राथमिकता नवी मुंबई

अरुण बंसल ने कहा कि प्राथमिकता नवी मुंबई हवाई अड्डे को चालू करना और हवाई अड्डों पर सिटी साइड विकास शुरू करना है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, हमारी रणनीति हवाई अड्डे के विकास के अवसरों में भाग लेने की है। जहां देश में बंदरगाहों, ट्रांसमिशन आदि में भाग लेने के बड़े अवसर हैं। समूह की कोशिश लगातार नये रिकॉर्ड के साथ आगे बढ़ने की है।

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