नई दिल्ली। Gemini AI की असफलता के बाद, Sundar Pichai विवादों में हैं। हेलियोस कैपिटल के फाउंडर समीर अरोड़ा का मानना है कि जेमिनी की विफलता के कारण, गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को बर्खास्त कर देना चाहिए या उन्हें खुद इस्तीफा दे देना चाहिए।
लीड होने के बावजूद विफल हुआ गूगल
दरअसल, जब सोशल मीडिया साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर एक यूजर ने लिखा “सर जी, गूगल जेमिनी देखा? यह श्वेत लोगों के अस्तित्व को मानने से इंकार कर रहा है। सुंदर पिचाई भाग्यशाली हैं, उनका रंग गोरा नहीं है।” इसका जवाब देते हुए अरोड़ा ने लिखा: “मेरा अनुमान है कि उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए या उन्हें खुद इस्तीफा दे देना चाहिए। क्योंकि एआई पर लीड होने के बाद वह इसमें पूरी तरह से विफल हो गए हैं और दूसरों को इस पर कब्जा करने दिया है।”
क्या है Gemini AI?
गूगल ने हाल ही में वैश्विक स्तर पर यूजर्स के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल को आधिकारिक तौर पर लॉन्च करते हुए अपने चैटबॉट बार्ड को जेमिनी के रूप में रीब्रांड किया है। गूगल के अनुसार, यूजर अब 230 से अधिक देशों और क्षेत्रों में 40 से अधिक भाषाओं में जेमिनी प्रो 1.0 मॉडल के साथ जुड़ सकते हैं।
जेमिनी एडवांस्ड गूगल One AI प्रीमियम प्लान का हिस्सा है, जिसकी कीमत $19.99/माह है, जो दो महीने के फ्री ट्रायल के साथ शुरू होती है। गूगल ने लेटेस्ट ब्लॉग पोस्ट में बताया गया है, एआई प्रीमियम ग्राहक अलग-अलग गूगल एप्लिकेशन जैसे जीमेल, डॉक्स, स्लाइड्स, शीट्स और अधिक (जिसे पहले डुएट एआई के रूप में जाना जाता था) में जेमिनी के इंटीग्रेशन का अनुमान लगा सकते हैं।
यहां से शुरू हुआ विवाद
लॉन्च के एक हफ्ते के अंदर ही यह विवादों में आ गया। एपी रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने 23 फरवरी को जेमिनी एआई से जुड़े एक नए एआई इमेज-जनरेटर के दोषपूर्ण रोलआउट के लिए माफी मांगी, यह स्वीकार करते हुए कि कुछ मामलों में यह टूल विविधता की कमी के लिए “ओवर कंपनसेट” करेगा, भले ही इसका कोई मतलब न हो।
विवादों में आने के बाद, गूगल ने कहा कि उसने चैटबॉट के इमेज जनरेटर को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया है। गूगल के सर्च इंजन और अन्य व्यवसायों की देखरेख करने वाले सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, प्रभाकर राघवन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, “यह स्पष्ट है कि यह फीचर लक्ष्य से चूक गया है”, उन्होंने गलत और आपत्तिजनक तस्वीरों के लिए न केवल माफी मांगी बल्कि यूज फीडबैक के लिए आभार भी व्यक्त किया।
हालांकि राघवन ने कोई स्पेसिफिक उदाहरण नहीं दिए, लेकिन सोशल मीडिया ने ऐसे उदाहरणों को उजागर किया जहां जेमिनी एआई इमेज जनरेटर ने एक अश्वेत महिला को संयुक्त राज्य अमेरिका के फाउंडर पिता के रूप में चित्रित किया, इसके अलावा ब्लैक और एशियाई व्यक्तियों को नाजी युग के जर्मन सैनिकों के रूप में दिखाया।
राघवन ने चैटबॉट के इरादे का बचाव करते हुए कहा कि इस फीचर का लक्ष्य अलग-अलग रिक्वेस्ट को पूरा करना था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कुछ संकेतों ने “ओवर कंपनसेशन” को ट्रिगर किया।
भारत ‘पक्षपातपूर्ण’ जेमिनी एआई पर गूगल को नोटिस जारी कर सकता है
23 फरवरी को आई रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में एक सवाल पर जेमिनी की “पक्षपातपूर्ण” प्रतिक्रिया पर गूगल को नोटिस जारी कर सकता है।
पीएम मोदी के खिलाफ कथित तौर पर “पक्षपातपूर्ण” होने के कारण जेमिनी आलोचना के घेरे में आ गया, जब एक एक्स यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी शिकायत की, वायरल पोस्ट में पीएम मोदी, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की पर एक सवाल के लिए एआई मॉडल के “पूर्वाग्रह” को दिखाने का दावा किया गया है।
दावा किया गया कि जब फासीवाद के बारे में सवाल पूछा गया तो जेमिनी एआई टूल ने पीएम मोदी के बारे में उचित जवाब दिखाया। हालांकि, जब डोनाल्ड ट्रम्प और जेलेंस्की के बारे में यही सवाल पूछा गया, तो एआई टूल ने स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया।
इससे पहले दिन में, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक्स यूजर की शिकायत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि प्लेटफॉर्म आईटी नियमों और अन्य कानूनों का उल्लंघन करता है। चंद्रशेखर ने Google और Meity को टैग करते हुए मामले में आगे की कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा “ये आईटी अधिनियम के मध्यस्थ नियमों (आईटी नियमों) के नियम 3(1)(बी) का सीधा उल्लंघन हैं और आपराधिक संहिता के कई प्रावधानों का उल्लंघन हैं।”