नई दिल्ली। अब मार्केट रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी ने भगोड़े अरबपति विजय माल्या पर कड़ा एक्शन लिया है। सेबी ने विजय माल्या पर गलत तरीके से लेनदेन करने की वजह से 3 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। माल्या पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी संस्थाओं और बैंकों के जरिए अवैध तरीके से लेनदेन करके अपने कंपनियों की कीमतों को बढ़ाया है और उससे लाभ कमाया है।
रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ विजय माल्या की भारत में शेयरों और म्यूचुअल फंड में हिस्सेदारी को फ्रिज कर दिया है। इसके अलावा अब वो किसी भी लिस्टेड भारतीय कंपनी के डायरेक्टर के तौर पर नहीं जुड़ पाएंगे। सेबी ने इस पर भी रोक लगा दी है।
सेबी ने अपनी जांच में पाया था कि विजय माल्या ने रजिस्टर्थ संस्थाओं के जरिए अपना नाम और पहचान को छिपाकर विदेशी संस्थागत निवेश का गलत प्रयोग किया है। सेबी ने अपनी जांच में पाया है कि जनवरी 2006 से दिसंबर 2008 तक माल्या ने फ्रॉड ट्रांजैक्शन के जरिए 5.7 मिलियन डॉलर कमाया था। सेबी के नियमों के अनुसार एफआईआई के जरिए सिर्फ वही लोग इंडियन मार्केट में निवेश कर सकते हैं जिनका निवास स्थान भारत के बाहर का है। विजय माल्या ने इस नियम को तोड़ा है।
68 वर्षीय विजय माल्या की 8.1 प्रतिशत हिस्सेदारी किंगफिशर बियर बनाने वाली कंपनी में है। वोदका बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स में 0.01 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। बता दें, विजय माल्या पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने मार्च 2016 में देश को छोड़ दिया था। मौजूदा समय में वो यूके में हैं। रिपोर्ट के अनुसार स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 180 करोड़ रुपये के लोन डिफाल्ट मामले में 1 जुलाई को विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट इश्यू कर दिया था।