नई दिल्ली। नई सरकार के गठन के बाद बजट पेश करने की तैयारी शुरू हो गई है। संभावना जताई जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस महीने के अंत में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश कर सकती हैं। इस साल की शुरुआत से ही नौकरीपेशा लोग टैक्स के मोर्चे पर कुछ राहत और रियायत की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि अंतरिम बजट में नौकरीपेशा लोगों को निराशा हुई।
विशेषज्ञों का मानना है कि नौकरीपेशा टैक्सपेयर्स को टैक्स राहत प्रदान करने से खर्च में वृद्धि हो सकती है और अंततः खपत को बढ़ावा मिल सकता है। बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया है कि सरकार टैक्स राहत उपायों पर विचार कर रही है और अंतिम निर्णय बजट प्रस्तुति से ठीक पहले होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं कि नौकरीपेशा लोगों को क्या-क्या उम्मीदें हैं।
वित्त मंत्रालय न्यू टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट बढ़ाने की संभावना तलाश रहा है। हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में इस मोर्चे पर बदलाव की उम्मीद कम ही है। आपको बता दें कि यह एक निश्चित रकम होती है जिसे नौकरीपेशा लोग टैक्स के तहत आने वाली कमाई से वास्तविक खर्च का सबूत दिए बिना घटा सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इंडिविजुअल्स टैक्सपेयर को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब को सुव्यवस्थित कर सकती है और टैक्स में कमी कर सकती है। वर्तमान में नई व्यवस्था के तहत टैक्स की दरें आय के स्तर के आधार पर 5-30% के बीच हैं। केंद्रीय बजट 2023 नई व्यक्तिगत कर व्यवस्था के टैक्स स्लैब में उल्लेखनीय संशोधन लाया है। इसमें मूल छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करना और 5 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए सरचार्ज को 37% से घटाकर 25% करना शामिल है। ये समायोजन नई टैक्स व्यवस्था का आकर्षण बढ़ाने के लिए लागू किए गए थे। हालांकि, पुरानी टैक्स व्यवस्था के लिए टैक्स दरें अपरिवर्तित बनी हुई हैं।