नई दिल्ली। आरबीआई की ओर से मिले 2.1 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड लाभांश से सरकार को चालू वित्त वर्ष में विनिवेश की कम जरूरत हो सकती है। केयर रेटिंग्स के अनुसार सरकार विनिवेश से प्राप्तियों पर अंतरिम बजट में 50,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य को बरकरार रख सकती है।
रेटिंग एजेंसी ने गुरुवार को कहा, आरबीआई के बंपर लाभांश से केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति आरामदायक बनी हुई है। ऐसे में बड़े विनिवेश की जरूरत खत्म हो सकती है। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार चालू वित्त वर्ष में हिस्सा बेच सकती है। इससे 12,500 से 22,500 करोड़ मिल सकते हैं। अन्य संभावित बिक्री में कॉनकॉर और पवन हंस शामिल हैं। पिछले दस वर्षों में सरकार ने विनिवेश से 5.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। सरकार अपनी कंपनियों में 51 फीसदी तक हिस्सेदारी रखती है तो भी उसे बिक्री से 11.5 लाख करोड़ मिल सकते हैं। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में हिस्सेदारी बेचने से सरकार को पांच लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।